Friday, October 23, 2015



राजनीती में खास तौर से विधानमंडलों के निर्वाचित प्रतिनिधियो और राजनीतिक पार्टी के पदाधिकारियों को बयानों की अनुशासनहीनता पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए, जिस तरह से अंतर्राष्ट्रीय खेलों में अनुशासनहीनता करने पर खिलाडियों पर लगाया जाता है। इसी तरह इन नेताओ और इनके दलों पर इनके बदमिजाज व सनकी सरीखे एक्टिविज्म के लिए भी प्रतिबन्ध लगाया जाना चाहिए।
दूसरा यदि इस तरह की प्रवृतियां भूले भटके होती भी है तो उसे मीडिया में तगड़ी स्क्रीनिंग होनी चाहिए। आखिर राजनीती और मीडिया का कोई स्टैण्डर्ड कोड कंडक्ट भी तो हो।
तीसरा विधानमंडलों में पार्टियों को अपनी राजनीती चमकाने के लिए उलजुलूल हरकतों के लिए भी कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
हकीकत ये है की इन हरकतों से कोई पार्टी अछूती नहीं है। राजनितिक बयान देने में हर दल के कुछ नेता अपना बयान ब्रांड बना चुके है।
बीजेपी से साक्षी ,साध्वी,आदित्य नाथ, गिरीराज । कांग्रेस से दिग्विजय,मनीष तिवारी और जयराम। सपा से आज़म खान,अबु आज़मी। सीपीएम से बृंदा करात। अन्य पार्टियों में लालू , रघुवंश, शिवांनंद, ठाकरे बंधू , ओवैसी बंधू वगैरह वर्ग़ैरह।
अब बात करें विधानमंडलों की तो आज संसद में कांग्रेस जो हरकत कर रही है वही हरकत पहले बीजेपी विपक्ष में रहते कर रही थी। ऐसा नहीं है की इस कदम से सिर्फ सत्ता पक्ष को फायदा होगा ,विपक्ष के लोग भी मीडिया की तमाम सुर्खिया बटोर सकते है बशर्ते वे देश के तमाम व्यस्थाओं में मौजूद तमाम छिद्रो और विरुपताओ को तो उजागर करें।
बात मीडिया की करें तो वह यह समझती है उलजुलूल चीजे हलचल बन जाती है और इससे उनकी TRP और TAME बढ़ जाएगी। उनका यही ट्रेंड अब मौजूदा मीडिया का ट्रेडिशन बन चूका है।
ज्यादा दिन नहीं हुए जब देश के अखबारों में देश के तमाम चार और कार मसलन भ्रष्टाचार, अत्याचार ,कदाचार ,दुराचार ,बलात्कार और चीत्कार से भरे होते थे और स्टार नेटवर्क के तहत चलने वाला एनडी टीवी अपनी दृश्य श्रव्य खबरों और कार्यक्रमों से लोगों को व्यामोहित किये हुए था। अब तो मीडिया में भेड़चाल और गीदड़ चिघार दोनों एक साथ चल रहे है।
अब बताईये की लोकतंत्र हमारा मज़बूत हो रहा है या कमज़ोर।
अंत में शमशेर राणा की ये बात बड़ी अच्छी लगी की बंद कमरे में वन्दे मातरम कहना बड़ा आसान ही पर देश के लिए मरने को कितने तैयार है? ऐसे ही हमारे देश के कुछ ब्यानबाज नेता है जिनमे कितने देश की दुर्व्यस्था को बदल डालने को तैयार है?

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