Saturday, February 21, 2015

आप कल्पना करिये की आईएसआईएस के उन हैवान दरिंदो के गला काटने वाले वीडियो में हम आप या आप में से कोई बैठा होता और हमारे गला काटे जाने की तैयारी होती , पिंजड़े में बंद कर जिन्दा जलाये जाने की तैयारी होती, उस समय हमारी मनःस्थिति क्या होती? मै हैरान , परेशान , हताश हूँ की मानव सभ्यता के इतिहास की यह क्रूरतम घटना ठीक उसी जगह के आस पास घटित हो रही है जहा अपने समकालीन दौर का एक क्रन्तिकारी संगठित धर्म इस्लाम का उदय हुआ था. वहां अभी उसी धर्म की दुहाई देक र इंसानो और मासूमों की भेड़ बकरी पक्षीओ की तरह कत्लेआम किया जा रहा है। यहाँ तक की रेसेस और कॉम के नामोनिशान तक मिटाये जा रहे हैं। मुझे समझ में नहीं आता की दुनिया की वो विराट शक्तियां , ईश्वर खुदा गॉड कहां हैं। कहां है दुनिया के शक्तिशाली राष्ट्र , कहा है दुनिया की मीडिया। कहां हैं आंदोलनकारी जमात। कहां हैं मानवाधिकार और अत्याचार निरोधी संस्थाए , कहां हैं UNO के शांति सैनिकों की गश्त। क्या अमेरिका और नाटो की वहां कोई राजनितिक रूचि नहीं रह गयी है। क्या भारत और चीन जैसे देशो ने भी उन पर कुछ नहीं बोलने का कोई गुप्त समझौता किया है. / ये सारे सवाल अनुत्तरित है। इनके इन कुकृत्य कारनामो के बावजूद इस्लाम का प्रोपेगंडा सोशल मीडिया में तेजी से पैठ कर रहा है, पर आश्चर्य ये है की इस प्रोपेगंडा में मैंने इस्लाम के नाम पर होने वाली आईएसआईएस की कारगुजारियों का कोई जिक्र तक नहीं देखता हूँ , मज़म्मत करना तो दूर की बात। ज़ुल्म , अन्याय , अत्याचार के खिलाफ यदि कोई धर्म अपने को खड़े होने का दावा करता है उसका पहला दायित्व तो यही बनता है. महान शायर जावेद अख्तर का एक ट्वीट दिखाई पड़ा की दुनिया की शक्तिया इनके खिलाफ आखिर किसका मुह ताक रही हैं। कुछ हमारे भाई लोग यह कहते है की दंगे में भी तो यही होता है / भाई दंगे के लिए एक मोब बनाया जाता है, आंधी बहाई जाती है और फिर कत्लोगारद होता है। जैसा की भारत के मजहब के आधार पर हुए विभाजन में दिखाई पड़ा और दो देश बन गए , पर इसके बावजूद क्या पाकिस्तान में शिया सुन्नी के दंगे नहीं घटते है , क्या भारत में एक ही धर्म की जातियाँ आपस में नहीं लड़ती मरती,, यह तो पहचान की राजनीती के offshoot और offsuit हैं / पर आईएसआईएस तो कोल्ड ब्लडेड मर्डर कर रहे हैं जिसे मै 9 /11 और 26 /11 से कई गुना बड़ा बड़ा आतंकी हरकत मानता हूँ ,/ इराक और अफगानिस्तान से ज्यादा बड़ी जरूरत अमेरिकी सेना की अभी वहां है मानवता अपनी सबसे बड़ी चुनौती वहां झेल रही है , हमलोग सिर्फ लिख सकते हैं। कौन दधीचि बनकर अपनी अस्थियों से बने आयुध से इन असुरों का नाश करेगा?
I think there would be 3rd world war over the activities of ISIS. From Arab world to Super power like US, Russia n newly emerged power like India n china r silent. I think the whole world and all country power should rush to the Arab world and all miscreants of ISIS get annihilated. I also aspire that picture of all beheaded person must be hanged in every homes of the world until their killers get omitted from this world. I Appeal to the all Muslim brotheren of the world, get unite n awakened against this ISIS, who is misusing your pious religion. This satanic ISIS is just trying to demolish ISLAM relign. One who believe that relign is 1st and humanity is 2nd, r in fact rushing twrds genocide. As of now I have heard some people have tried to joined this bloody ISIS, rather opposing them. The continuous butchering of innocent persons is million times more serious issues than the attack over the world tower and Mumbai Taj. But all powers are taking this menace in a very light manner. America can make an attack over Saddam Hussain just for the sake of its ego, but the whole humanity are being slaughtered there, but the great powers are still in drowsiness
Iwas happily amazed when i heard post oath ceremony speech of Kezriwal, who was talking about arrogance. I thought, I have been opposing this person just because of his arrogance, dictatorial and highly ambitious attitude, now this fellow seems so sober and ideal. But latter on i came to know, this fellow after getting gigantic victory in Delhi is planning, not give any leverage to other leaders of AAP other than himself. That is why he is talking to focus over Delhi only, so that leader like yogendra yadav can not get limelight in national politics of AAP. What Kezri will do, he will first rule Delhi for next 5 years or so and before this he will give Sisodia the charge of Delhi CM and after that he would jump in national politics. So people like Yogendra Yadav, Prashant, Anand, they all will be ultimately cheated by kezrimal and co.
I never liked Arvind Kezri's approach, because he is actually not in favor of poor or for the fundamental change in the system, otherwise being a new political player, he would have deep work over these rather being a propagandist. He is just for the sake of his high ambition even if he wins next election, i will keep opposing him, because there is fundamental flaws in his both political and agitationist approach, but at the movement i would say that he is alone and is fighting with 500 barmy army of Modi, so natually sympathy goes in favor of him. In this circumstances if he wins Delhi election, he will again become a permanent news maker for the media and he will try to become a national Hero, but ultimately Delhi would suffer, the state which is facing election twice in a year time
व्यक्ति और विचारो में अंतर क्या होता है, इसकी बानगी देखिये /बीजेपी के एक विज्ञापन में राजनितिक प्रजाति के लिए गोत्र शब्द का क्या प्रयोग हुआ, केज़रीवाल ने उसे तुरत जातीय रंग दे दिया, उस व्यक्ति ने जो अपने को आंदोलन और व्यस्था परिवर्तन की कोख से पैदा हुआ बताता है/ केज़रीवाल ने जिस स्टाइल में अपने को अग्रवाल जाती का व्यक्ति बताया, वैसा तो जातिवादी राजनीती के चैंपियन लालू , मुलायम और मायावती ने अपनी जाती को लेकर अपना वक्त्य्व नहीं दिया होगा / दूसरी बानगी देखिये आज बीजेपी के विज़न डॉक्यूमेंट में उत्तर पूर्व लोगों के लिए migrant के बदले imigrant शब्द प्रयोग हो गया , कांग्रेस के नेता अजय माकन ने बड़ी ही जिम्मेवारी और राष्ट्रीय जज़्बे से बीजेपी की इस गलती की तरफ इशारा किया जिस कार्य मे उन्हें कोई राजनितिक नफे नुकसान भी नहीं मिलना था और बीजेपी ने भी तुरंत अपनी गलती स्वीकार भी कर ली /
आज केज़री कह रहे है की उन पर और उनकी पार्टी पर पिछले एक महीने से कीचड़ उछाला जा रहा है / अरे पिछले तीन साल से केज़री तुम दिन रात लोगो पर कीचड़ उछाल रहे थे / हमारे जैसे कई लोग लगातार अपने लेखन और टीवी डिबेट में यह कह रहे थे की भ्रष्टाचार का उन्मूलन कभी भी व्यक्तियों पर हमला कर नहीं , व्यस्था पर हमला कर ही किया जा सकता है/ उ स सिस्टम के बारे में केज़री जि से ढेले भर की समझ नहीं, उसके द्वारा सुधा र उपायों को लाना तो बहुत दूर की बात / हा व्यक्तियों पर हमला कर भ्रस्टाचार की केवल राजनीती की जा सकती है इसका उन्मूलन नहीं हो सकता/ और यही कार्य आप अब तक कर रही थी / पर अब केज़री को जब बीजेपी के विज्ञापनों ने और रोज के पांच सवालों ने पूरी तरह बेनकाब कर दिया तब वह उसका जवाब देने के बजाये यह कह रहा है की उस पर कीचड़ फेका जा रहा है / भाई केज़री भरस्टाचार इतना सिंपल सब्जेक्ट नहीं है जो किसी व्यक्ति विशेष पर आरोप लगा देने भर से उसकी इतिश्री हो जायेगी / यह भ्रष्टाचार समस्या समूची व्यस्था के ताने बाने से जुड़ा और इंटरकनेक्टेड है /
जिस शीला को आप पार्टी भ्रस्टाचार की प्रतिक बता रही थी /, मुझे मालूम है शीला पहले और दूसरे टर्म में निजी तौर पर पूरी ईमानदार थी , पर तीसरे टर्म में सिस्टम के करप्शन की वह मूकदर्शक बनकर रही जिसके परिणति कामनवेल्थ घोटाले के रूप में आई / केज़री अपने पोस्टर में लिखता है मै ईमानदार और हस्ते चेहरा वाला हु और दूसरे रोनी सूरत वाले बेईमान और अवसरवादी है / मै दावे के साथ कह सकता हु अगर पांच साल केज़री मुख्य्मंत्री रहा तो वह और उसकी पार्टी शीला से दस गुना ज्यादा करप्ट बनकर निकलेगा / क्योकि इनके लोकपाल की भी काट निकल जाएगी / देखिये मीडिया से करप्शन का बड़ा वाचडॉग कौन हो सकता है , पर व्यापक सुधारो के आभाव में वह भी इस करप्शन के इस सिस्टम में शामिल हो गयी है /आदमी के असली चरित्र का पता तब लगता है जब उसे पावर दे दिया जाता है / केज़री के सारे तौर तरीके बेहद खतरनाक रहे है और अभी वह अपनी सारी ताकत राजनितिक करियर और अपनी महत्तकांछा की प्राप्ति के लिए लगा रहा है / तभी इस चुनाव में उसने पिछले लोकसभा चुनाव के सभी चंदे की १०० करोड़ की राशि केवल अपनी ब्रांडिंग में लगा दी / हो सकता है केज़री यह चुनाव जीत जाये पर मै इस बात को डंके की चोट पर कहने जा रहा हु की यह व्यक्ति और इसके नियंत्रण की यह पार्टी देश के लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा कलंक साबित होगी/ इसमें लोकतंत्र की तमाम पुरानी और नयी गंदगी चाहे वह पहचान की राजनीती हो , झूठ अफवाह और अनर्गल आक्रामकता का प्रदर्शन हो और लोकलुभावन घोषनाये और लोक उकसावन शैली की राजनीती का बीजारोपण हो, इनका एक नया दौर शुरू होने वाला है /
बीजेपी और कांग्रेस पुरातन शैली के परंपरागत राजनितिक दल थे , उन पर कई कई सवालीआ निशान हो सकते है, परन्तु इनके मुकाबले कोई नया दल हमें तभी शिरोधार्य होगा जो उनसे कई गुना ज्यादा बेहतर ,आदर्शवादी , सिद्धांतवादी हो/ पर टोपी वाली यह पार्टी अपने पहले दिन से ही लोगो को टोपी पहनाना शुरू कर दिया था और अब जब ये वैचारिक रूप से चारो तरफ से घिर गए तब चिल्लाने के बजाये सिसकने लगे है / केज़री कहता है की महंगाई वह कम करेगा/ अगर महंगाई राज्य सरकार काम कर सकती तो शीला पिछला चुनाव हारती ही नहीं / केज़री अपने पोस्टर में लिखता है दिल्ली में दाल की कीमत 120 रुपये प्रति किलो जब की अरहर दाल 85 रुापये है , गोभी 35 रुपये जबकि इसकी खुदरा कीमत 15 रुपये प्रति किलो है / 
अंत में मै यही कहूँगा इस देश में partisan थिंकिंग और लप्फाजी के बजाये देश के तमाम क्षेत्रोँ , संस्थाओं और समूच व्यस्था की पूरी रीती नीति में सम्यक बदलाओ हेतु व्यापक कार्य की जरूरत है / जैसा एक कार्य ADR कर रही है , शुक्र है वे लोग दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने के लिए ये कार्य नहीं कर रहे है / परन्तु केज़री और किरण भरष्टाचार पर नहीं अपनी राजनितिक करियर बनाने के लिए लोकपाल आंदोलन का प्रपंच चला रहे थे , यह बात तो पूरी तरह स्पष्ट हो गयी है /