Tuesday, August 19, 2014

विपरीत से विपरीत परिस्थितियों में खेलना धोनी की भरी विशिष्टता रही है और इस मामले में भारत ही नहीं दुनिआ के वे सबसे बेहतरीन खिलाडी है / पर कप्तान के रूप में अजीबोगरीब फैसले खासकर खिलाड़ियों के शामिल करने के मामले में करते हुए भी उनका भाग्य इसके बावजूद साथ देता आया और उन्होंने टेस्ट, वन डे , वर्ल्ड कप में कई जीते दिलवाई. परंतु भाग्य साथ देना में भी मेरे भाई औसत का नियम लागू होता है / आज धोनी विदेशो में हरने के मामले में बाद से बदतर प्रदर्शन का रिकॉर्ड बना चुके है / अत हर तरह से परफेक्शन ही निरंतर सफलता दिलवा सकता है / लॉर्ड्स टेस्ट जितने के बाद टीम, , विश्लेषकों और क्रिकेट प्रेमियों में complacency आ गयी और इंग्लैंड के कप्तान कुक की जो आलोचना हो रही थी उसने ऑस्ट्रेलिया की तरह किलर इंस्टिंक्ट दिखाकर लगातार ३ मैच जीत लिए /
विराट धवन गंभीर फॉर्म में नहीं थे परन्तु विजय पुजारा और रहाणे शुरू में अच्च्चे फॉर्म में होते हुए पिछले २ टेस्ट से उन्हें कैसे साप सूंघ गया / यह विफलता सीधे सीधे धोनी के खासमखास कोच की है / आखिर वह क्या कर रहे थे / कैचिंग बैटिंग क्लब टीम से भी घटिया हो गयी थी/ मुझे लगता है ऑस्ट्रेलिया के लिए सहवाग को कप्तान बनाने के अलावा अब कोई विकल्प नहीं बचा है / मुझे लगता है अति क्रिकेट भी भारत के विनाश का कारन है

No comments:

Post a Comment