Sunday, December 21, 2014

मै भाजपा आरएसएस के राम मंदिर आंदोलन से कभी सहमत नहीं रहा , परन्तु भाजपा और आरएसएस के घर वापसी धर्मान्तरण का मै शत प्रतिशत समर्थन ही नहीं करता हूँ बल्कि इस कृत्य पर मै बेहद खुश हू बशर्ते यह कार्य बिना भय, लालच और दबाव के जरिये कराया जा रहा हो / मंदिर आंदोलन मेरे गले के नीचे इसीलिए कभी नहीं उतरा क्योकि यह कृत्य गड़े मुर्दे उखारने की तरह था/ मंदिर को हटा कर मस्जिद बना दो या मस्जिद को हटकर मंदिर बना दो, यह तो बीते इतिहास की देश, काल और परिस्थितिजन्य घटना थी, इसे उभारने में ना तो अब समाज का भला है और ना ही राष्ट्र का भला छिपा है /हां ये भाजपा आरएसएस जैसे राजनितिक जमात के लोगो के लिए भारत में पहचान की स्थापित राजनीती के घने परिवेश में अपनी एक राजनितिक पहचान बनाने का एक प्रतीकातमक मुद्दा जरूर बना जिसे वे काफी आगे लेकर गए / पर घर वापसी धर्मान्तरण मुद्दे का मै पुरजोर समर्थन इसीलिए करता हु क्योकि इसके बहाने हिन्दू धर्म में एक नए सामाजिक क्रांति की शुरआत होने जा रही है / जो धर्म पिछले कई सहस्त्राब्दियों में बिरादरीवाद, जातिवाद, वर्णवाद अश्पृस्यतावाद , दलितवाद , पिछड़ावाद , कर्मकाण्डवाद, स्वर्णवाद और मनुवाद और ना जाने कितने सामाजिक ग्रथियो में जकड़ा हुआ था, आज इस घर वापसी धर्म परिवर्तन के जरिये उस पर बड़ी चोट होने जा रही है / कहना न होगा हिन्दू धर्म में मौजूद इन्ही ग्रथियों की वजह से पिछले एक हज़ार साल में भारत में धर्मो की मार्केटिंग हुई, धर्म परिवर्तन हुए , जातीय दंगे हुए , समाज का बहुवर्गीय विभाजन हुआ और भारत का सनातन धर्म का सांगठनिक स्वरुप तार तार हो गया / इसी के नतीजतन आज़ादी के बाद देश का मज़हबी आधार पर तीन टुकड़ो में विभाजन हो गया / इतना ही नहीं आज़ाद भारत में देश में पहचान की राजनीती का बोलबाला बढ़ा / जातिवाद , पिछड़ा अगड़ा और आरक्षण के बहाने देश में व्यापक आर्थिक सांस्कृतिक सशक्तिकरण के बजाये कुछ चंद लोगो की राजनितिक प्रतिनिधिकरण परवान चढ़ती रही /
आज यह सवाल बेहद मुफीद है की जिन लोगो की हिन्दू धर्म में घर वापसी हो रही है उन्हें हिन्दू धर्म की कौन सी जाती प्रदान की जाएगी, धर्म वापसी आयोजको को इस बात का जवाब जरूर देना चाहिए अन्यथा मुस्लिम और ईसाई धर्म की यह नक़ल आपको रास नहीं आएगी जिनमें जातिवाद के नासूर नहीं मिलते / इसी के बहाने आपको हिन्दू धर्म के सभी विकारो को भी दूर करना होगा और पूर्ण सामाजिक समानता का उद्घोष करना होगा / आज न्यायालय का भी एक बड़ा बेहतरीन फैसला आया की धर्म परिवर्तन आपका मौलिक अधिकार जरूर है पर यह केवल शादी करने के लिए किया जाये तो यह अमान्य होगा / ऐसे कई हिन्दू भी है जिन्हे मल्टीपल इश्क़ का शौक है तो कहते है चलो मुस्लिम बनने / हिन्दू धर्म के बारे में ये सारी चीजे एक संगठित हिन्दू धर्म के बतौर कह रहा हु जो पिछले हज़ारो साल में छत विछत होता गया / मेरा व्यक्तिगत धार्मिक विश्वास किसी धर्म विशेष की धर्मान्धता को स्वीकार नहीं करता चुकी ईश्वर का किसी ट्रेडमार्क धर्म से नहीं लेना देना / संगठित और ट्रेडमार्क धर्मो के सरोकार केवल सामाजिक और सांस्कृतिक हो सकते है/ और इस दृष्टि से हिन्दू धर्म के सामाजिक सरोकारों में जो कमिया विराजमान थी उसे अब इस घर वापसी धर्मान्तरण के जरिये दूर होने की आशा बढ़ी है / अहिन्दू हिन्दू बने और दलित ब्राह्मण बने, हिन्दू धर्म के नए सामाजिक सुधारो का अभी यही मंत्र बनेगा

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