Tuesday, November 4, 2014

 हमारे आदरणीय राष्ट्रपति और सम्मानित प्रधानमंत्री में कौन सा पहलु बिलकुल कॉमन है / कॉमन पहलु ये है की दोनों ने अपने विगत के दिनों में देश की सबसे बड़ी बिज़नेस हाउस रिलायंस के उत्थान में अपना असीम योगदान दिया है/ प्रणब मुखेर्जी ने 1980 के दशक में अपने वित्त मंत्री के काल में रिलायंस के नॉन कनवर्टिबल शेयर्स को कनवर्टिबल शेयर्स में बदलवाने में मदद की उसके बाद ही यह कंपनी शेयर बाजार की सबसे पसंदीदा कंपनी बन गयी / नरेन्द्र मोदी ने गुजरात में रिलायंस के अम्बानी बंधुओ की कई परियोजनाओं को अपने कॉर्पोरेट गवर्नेंस के जरिये क्लियर किया जिसकी वजह से ये दोनों मोदी को भगवान तक मानते थे / रिलायंस समूह ने भी इन दोनों के राजनितिक करियर को चमकाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी/ राष्ट्रपति के चुनाव में रिलायंस के दबाव में कई विरोधी धड़ो ने प्रणब मुखेर्जी का समर्थन किया/ इसी तरह नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री उम्मीदवारी घोषित होने के बाद इस समूह ने पिछले लोकसभा चुनाव में मदद की/ परन्तु ऐसा भी नहीं है की इन बंधुओ का यूपीए सरकार से कोई खटास था / नुक्लेअर डील के दौरान यूपीए 1 के विश्वास मत के लिए 22 सांसदों की खरीद के लिए 1100 करोड़ का इंतजाम कथित तौर पर इनके द्वारा किया गया / परन्तु ये तथ्य ऑफिसियल नहीं नोशनल है , क्योकि राजनीतिज्ञों और बिज़नेस हाउसेस का नेक्सस ओपन नहीं सीक्रेट होता है/ और ऐसा भी नहीं है की बिज़नेस हाउस की हर कारगुजारियां भ्रस्टाचार पर ही टिकी होती है

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