Thursday, July 24, 2014


हमारे इस सिस्टम में अनियमितता भ्रस्टाचार और पछ्पात की रोज अनेको घटनाये घटती है और पहले से भी इस तरह की कई घटनाये दफन पड़ी है / पर इनमे से जो कुछ घटनाये गाहे बगाहे सतह पर आती है उसे लेकर मीडिया और हमारे कमेंटेटर इस तरह से प्रतिक्रिया देते है मानो इस तरह की कोई पहली घटना प्रकाश में आई हो और इस घट्न की आड़ में तमाम दफन पड़े घटनाओ पर पूर्ण विराम लगा रहता है /
हमारे प्रेस कौंसिल के चेयरमैन काटजू साहेब ग्रेट खिलाडी है / वह समय और अपना नफा नुकसान देखकर कुछ घटनाओ को स्कूप करते है / घट्न उनकी सही है पर उनकी नियत कैसी है / अरे भाई लोग सिस्टम को फुल प्रूफ बनाने की बात करो / हर छेत्र में सिस्टम की प्रॉपर ओवरहालिंग की जरूरत है/ न्यायिक भ्रस्टाचार पर तो हमारे यहाँ कंटेम्प्ट  ऑफ़ कोर्ट लॉ को वजह से व्यापक चर्चा  ही नहीं होती कानून में और बदलाव् तो बाद की चीज है/ आज कितने राजनितिक दाल और बुद्धिजीवी  है जिनके पास देश के हर छेत्र  में बदलाव् का एक व्यापक खाका मौजूद हो / सब बल्कि मीडिया भी यथास्थिति के अनुसार ही चलना चाहता है/ क्योकि मीडिया नीति भी हमारे पास नहीं है  

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