भ्रष्टाचार पर एक विशद व बहुवर्गीय सर्वेक्षण
चौकाने वाले परिणाम
भ्रष्टाचार भारत की एक लाइलाज समस्या । बड़े बड़े घोटाले के इतर भ्रष्टाचार देश के रज्जे रज्जे व कण कण में समाहित है, जिस समस्या से से हर व्यक्ति एक तरह पीडि़त भी है और किसी न किसी रूप में इसमे भागीदार भी। वरिष्ठ पत्रकार मनोहर मनोज की हाल में आई चर्चित पुस्तक ए क्रूसेड एगेन्स्टकरप्शन ऑन दी न्यूट्रल पाथ में भ्रष्टाचार मुद्दे का विशद विवरण है परन्तु दो खंडों में आई इस पुस्तक का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष है इस पुस्तक का अंतिम अध्यायजिसमे भ्रष्टाचार पर समाज के सभी वर्गों का एक व्यापक नजरिया प्रस्तुत किया गया है। यह इस पुस्तक के लेखक द्वारा आम नागरिक, जनप्रतिनिधि, सरकारीकर्मचारी, व्यवसाय व उद्योग प्रतिनिधि तथा स्वयंसेवी संगठनों व मीडियाकर्मी के सर्वेक्षण परिणामों पर आधारित हैं।
आम नागरिक
आम लोगों का मानना है कि भ्रष्ट अधिकारियों को दंडित करने के लिए अभी भी कड़े कानून नहीं
वरिष्ठ पत्रकार मनोहर मनोज द्वारा लिखित पुस्तक ए क्रूसेड अगेंस्ट करप्शन ऑन दी न्यूट्रल पाथ के मुताबिक देश की करीब तीन चौथाई आबादी अभी भी रिश्वत देती है। इस पुस्तक सर्वेक्षण अध्याय के अंतर्गत करीब 5000 आम नागरिक लोगों पर किये गए इस नमूने सर्वेक्षण के दौरान पूछे गए कुल चौदह प्रश्र मे पहला प्रश्र ये पूछा गया कि क्या आपको कभी कोई अपना काम कराने में रिश्वत देना पड़ा तो इसके जबाब में 72.8 प्रतिशत लोगों ने कहा, हांउन्हें रिश्वत देना पड़ा और सिर्फ 27.1 प्रतिशत सर्वेक्षु लोगों को रिश्वत देने का अनुभव नहीं था।
इस श्रेणी के सर्वेक्षुओं से दूसरा सवाल किया गया कि आपकी नजर में कौन वर्ग सबसे भ्रष्ट है। इस सवाल के जबाब मे लोगों ने सबसे ज्यादा 12.5 प्रतिशतनेताओं को, इसके बाद 12 प्रतिशत पब्लिक पुलिस को , 8.3 प्रतिशत पब्लिक लिपिक को, 7.2 प्रतिशत डाक्टर को, 7.0 प्रतिशत वकील को, 6.8 प्रतिशत इंजीनियर को, 6.4 प्रतिशत शिक्षक को, 6.2 प्रतिशत ठेकेदार को, 6.1 प्रतिशत सर्वेक्षु नौकरशाहों को भ्रष्ट मानते हैं।
इस श्रेणी में तीसरा प्रश्र कि आपकी नजर में घूस देना वाला दोषी है या नहीं तो इसके जबाब में करीब 56.6 प्रतिशत लोगों ने कहा हां वह दोषी है और बाकी 43.3 प्रतिशत लोगों ने कहा नहीं वह दोषी नहीं है। चौथा सवाल यह था कि क्या आप कभी किसी घूसखोरी के वाक्ये पर एमपी या एमएलए के पास शिकायत करने गएतो उनमे से केवल 20.2 प्रतिशत लोगों ने कहा कि हां उन्होंने ऐसी पहल की, परंतु बाकी लोगों ने इस तरह की कोई शिकायत नहीं की।
सर्वेक्षण के दौरान अगला सवाल पूछा गया कि आपकी नजर में भ्रष्टाचार होने के पीछे की मुख्य वजह क्या है तो इसमें दिये गए विकल्पों में सर्वाधिक 31.0प्रतिशत लोगों ने कहा कि भ्रष्ट सरकारी अघिकारी को दंडित करने हेतु हमारे यहां कड़े कानून का अभाव है, जबकि इसके बाद 24.3 प्रतिशत लोगों ने कहा कि जनतामें शिक्षा-जागरूकता का अभाव है, करीब 22.7 प्रतिशत लोगों ने कहा कि जनता को सरकार के नियम कानून की जानकारी का अभाव है और करीब 21.9 प्रतिशतलोगों ने कहा कि भ्रष्टाचार के मुकदमों की सुनवाई और फै सलों में देरी इसकी मुख्य वजह है।
लोगों से अगला सवाल यह पूछा गया कि क्या आप मानते हैं कि लोग अपना गलत काम कराने के लिए भी घूस देते हैं। इस प्रश्र के जबाब में 84.5 प्रतिशत लोगों नेकहा, हां लोग देते हैं जबकि 15.4 प्रतिशत लोगों ने इस बात से सहमति नहीं जाहिर की। लोगों से जब यह पूछा गया कि आपको कभी अपना नाजायज काम करानेके लिए घूस देना पडे तो आप देंगे या विरोध करेंगे। तो इसके जबाब में 47.5 प्रतिशत लोगों ने कहा ,हां इसका विरोध करेंगे परंतु 52.4 प्रतिशत लोगों ने कहा किनहीं हम घूस देकर अपना काम करायेंगे।
जब लोगों से यह पूछा गया कि सबसे सबसे ज्यादा घूस किस मद मे देना पड़ा तो सबसे ज्यादा 15.6 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें थाने/कोर्ट के मामले में घूसदेना पड़ा, इसके बाद 15.4 प्रतिशत लोगों ने कहा कि गन्ने की पर्ची पाने में, 14.4 प्रतिशत ने कहा कि राशन कार्ड/ लाल कार्ड बनवाने में, 12.9 प्रतिशत ने कहा किडाइविंग लाइसेंस/ रेल रिजर्वेशन करवाने में, 11.4 प्रतिशत ने कहा कि बैंक से कर्ज लेने में, 7.9 प्रतिशत ने कहा कि स्कूल-अस्पताल में एडमिशन लेने मेें, 7.7प्रतिशत ने कहा कि बिजली/ गैस कनेक्शन लेने में 7.4 प्रतिशत ने कहा कि फैक्टरी उद्योग बैठाने में तथा 6.9 प्रतिशत ने कहा कि ट्रान्सफ र-पोस्टिंग तथा नौकरीपाने में उन्हें घूस देना पड़ा।
एक अन्य प्रश्न पर जब लोगों से यह पूछा गया कि आपकी नजर में देश में घूसखोरों के लिए क्या सजा होनी चाहिए तो सबसे ज्यादा 38.2 प्रतिशत लोगों ने कहा किउनकी नोकरी से बर्खास्तगी होनी चाहिए, इसके बाद 21.3 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनकी संपत्ति जब्त की जानी चाहिए जबकि 19.4 प्रतिशत लोगों ने उनकेसामाजिक बहिष्कार की बात कही, 11.3 प्रतिशत लोगों ने भ्रष्टाचारी की फांसी तथा 9.5 प्रतिशत लोगों ने उन्हें उम्रकैद दिये जाने की बात कही।
सर्वेक्षण के दौरान जब लोगों से यह पूछा गया कि क्या आपने वोट देने के लिए कभी पैसा या शराब लिया तो 10.2 प्रतिशत लोगों ने कहा, हां उन्होंने इसे प्राप्त कियाजबकि 89.7 प्रतिशत लोगों ने इससे मना किया।
लोगों से यह सवाल किया गया कि क्या आपने अपने बच्चे की शादी में मनमाने तरीके से दहेज लिया तो इसके जबाब में 16.2 प्रतिशत लोगों ने दहेज लेने की बातस्वीकारी जबकि 83.2 प्रतिशत लोगों ने इससे इनकार किया। लोगों से सर्वेक्षण के इस सवाल पर कि यदि आपका बच्चा नौकरी में जाता है तो क्या आप चाहेंगे किवह माहवारी वेतन के अलावा उपरी कमाई भी करे तो इसके जबाब में 16.7 प्रतिशत लोगों ने इस पर हां कहा जबकि 83.2 प्रतिशत लोगों ने कहा कि नहीं ऐसा वहनहीं करना चाहेंगे।
लोगों से इस सवाल पर की क्या आपके गांव/मोहल्ले मे सडक़-नाली इत्यादि के निर्माण मेें कमीशनखोरी कर कोई गड़बड़ काम किया गया तो 87.5 प्रतिशत लोगोंने कहा कि हां उनके यहां ऐसा किया गया है जबकि सिर्फ 12.4 प्रतिशत लोगों ने इससे अपनी अनभिज्ञता जाहिर की।
अंत में लोगों से यह पूछा गया कि क्या आप मानते हैं कि उपर के नेता/ मंत्री /अफ सर ईमानदार हों तो नीचे के कर्मचारियों में बेइमानी नहीें आएगी तो इसकेप्रत्युत्तर में 90.0 प्रतिशत लोगों ने कहा कि हां, यह बात बिल्कुल सही है जबकि बाकी लोगों ने इससे अपनी सहमति नहीं जताई।
भ्रष्टाचार सर्वेक्षण / सामान्य नागरिक
1 क्या आपको कभी कोई काम कराने मे घूस/ रिश्वत देना पड़ा।
हां------------------------------------72.8 प्रतिशत
नहीं-----------------------------------27.2
2 आपकी नजर में इनमे सबसे ज्यादा कौन भ्रष्ट है?
क नेता----------------------------------12.5 प्रतिशत
ख पुलिस--------------------------------12
ग किरानी--------------------------------8.3
घ डाक्टर --------------------------------7.2
च वकील---------------------------------7.०
छ इंजीनियर-------------------------------6.8
ज शिक्षक --------------------------------6.4
ट ठेकेदार---------------------------------6.2
ठ अफसर/आईएएस -------------------------6.1
ड जज-----------------------------------5.5
ढ बिजनेसमैन ------------------------------5
ण पत्रकार ---==--------------------------4.8
त कलाकार------------------------------4.6
थ कारीगर-------------------------------4.6
द शेयर दलाल----------------------------2.8
3 आपकी नजर मे घूस देना वाला दोषी है या नही।
हां -----------------------------------56.6 प्रतिशत
नहीं----------------------------------43.3 प्रतिशत
4 क्या कभी घूसखोरी के खिलाफ आप एमपी एमएलए या किसी और बडे अधिकारी के पास शिकायत करने गये।
हां-----------------------------------20.2 प्रतिशत
नहीें----------------------------------79.7
5 आपकी नजर में भ्रष्टाचार होने की क्या क्या वजहें हैं।
क जनता को सरकार के नियम कानून की जानकारी का अभाव---22.7 प्रतिशत
ख जनता में शिक्षा-जागरूकता का अभाव---24.3
ग भ्रष्ट सरकारी अघिकारी को दंडित करने हेतु कडे कानून का अभाव--31.0 प्रतिशत
घ भ्रष्टाचार के मुकदमों की सुनवाई और फ ैसलों में देरी---21.9 प्रतिशत
6 क्या आप मानते हैं कि लोग अपना गलत काम कराने के लिए भी घूस देते हैं?
हां------------------------------------84.5 प्रतिशत
नहीेेे-----------------------------------15.4 प्रतिशत
7 कभी अपना नाजायज काम कराने के लिए घूस देना पडे तो आप देंगे या विरोध करेंगे।
हां-----------------------------------47.5 प्रतिशत
नहीं----------------------------------52.4
8 आपको निम्न मौकों पर सबसे ज्यादा घूस किसमे देना पड़ा?
क थाने/कोर्ट में कोई मामला आने पर ---------15.6 प्रतिशत
ख गन्ने की पर्ची पाने में--------------------15.4
ग राशन कार्ड/ लाल कार्ड बनवाने में ----------14.4
घ डाइविंग लाइसेंस/ रेल रिजर्वेशन बनवाने में-----12.9
च ब्लाक या अन्य कायॉलय से / पंपिग सेट/ भ्ैास गाय बकरी/ अन्य कर्ज लेने में--11.4
छ स्कूल-अस्पताल में एडमिशन लेने मेें-----------7.9
ज बिजली/ गैस कनेक्शन लेने में --------------7.7
झ फैक्टरी उद्योग बैठाने म--------------------7.4
ट टान्सफर-पोस्टिंग और नौकरी पानेमें ----------6.9
9 आपकी नजर में घूसखोरों के लिए क्या सजा होनी चाहिए?
क नोकरी से बर्खास्तगी -------------------38.2 प्रतिशत
ख सम्पति की जब्ती ---------------------21.3
ग सामाजिक बहिष्कार या कोई अन्य----------19.4
घ फ ांसी------------------------------11.3
च उम्रकैद -----------------------------9.5
10 क्या आपने वोट देने के लिए कभी पैसा या शराब लिया?
हां --------------------------------10.2 प्रतिशत
नहीेें-------------------------------- 89.7
11 क्या आपने अपने बच्चे की शादी में मनमाने तरीके से दहेज लिया।
हां -------------------------------16.2 प्रतिशत
नहीं----------------------------83.2 प्रतिशत
12 यदि आपका बच्चा नौकरी में जाता है तो क्या आप चाहेंगे कि वह माहवारी वेतन के अलावा उपरी कमाई भी करे?
हां -----------------------------16.7 प्रतिशत
नहीं-----------------------------83.2 प्रतिशत
13 क्या आपके गांव/मोहल्ले मे सडक़-नाली इत्यादि के निर्माण मेें कमीशनखोरी कर कोई गड़बड़ काम किया गया
हां ----------------------------87.5 प्रतिशत
नहीं---------------------------12.4 प्रतिशत
14 क्या आप मानते हैं कि उपर के नेता/ मं़़़त्री /अफ सर ईमानदार हों तो नीचे के कर्मचारियों में बेइमानी नहीें आएगी
हां---------------------------90.0 प्रतिशत
नहीं--------------------------9.9 प्रतिशत
जनप्रतिनिधि
45.2 प्रतिशत जनप्रतिनिधि प्रशासन और ब्यूरोक्रेसी को भ्रष्टचार के लिए प्रमुख जिम्मेदार मानते हैं
वरिष्ठ पत्रकार मनोहर मनोज द्वारा लिखित पुस्तक ए क्रूसेड अगेंस्ट करप्शन ऑन दी न्यूट्रल पाथ के सर्वेक्षण अध्याय के अंतर्गत अधिकतर जनप्रतिनिधियों का मानना है की नौकरशाही व प्रशासन में भ्रष्टाचार ज्यादा है। इस सर्वेक्षण संवर्ग में करीब 500 जनप्रतिनिधियों जिसमे सां सद,विधायक, स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों का साक्षात्कार लिया गया । इनसे पहला सवाल यह पूछा गया कि आपकी नजर में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार कहांपर है तो 45.2 प्रतिशत सर्वेक्षू लोगों ने कहा प्रशासन और नौकरशाही में। दूसरे स्थान पर करीब 26.1 प्रतिशत लोगों ने राजनीति में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार होने कीबात कही। तीसरे नंबर पर 16.6 प्रतिशत ने बिजनेस में तथा 11.9 प्रतिशत लोगों ने पेशेवरों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार होने की बात कही।
जब उनसे यह पूछा गया कि क्या आप मानते हैं कि देश भर में राजनीतिज्ञों अफ सरों उद्यो्गपतियों और अपराधियों के बीच आपस में एक ऐसा रिश्ता बना हैजिसके तहत दोनो एक दूसरे के लिए हित साधने का काम करते हैं और जनता इसमें ठगी जाती है तो इसके जबाब में 69 प्रतिशत लोगों ने हां कहा जबकि केवल 31 प्रतिशत लोगों ने इससे अपनी सहमति नहीं जाहिर की। जनप्रतिनिधियों से जब यह पूछा गया कि आपकी राय में भ्रष्टाचार उन्मूलन की शुरूआत कहां से होनीचाहिए तो 40 प्रतिशत लोगों ने कहा कि यह कार्य राजनीति और चुनाव सुधार के जरिये होना चाहिए। इसके बाद 22.8 प्रतिशत लोगों ने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधीजांच एजेंसियों को ज्यादा स्वायत्त बनाकर यह कार्य किया जाना चाहिए। तीसरे नंबर पर 16.6 प्रतिशत लोगों ने कहा कि भ्रष्टाचार को टाडा-पोटा जैसे कानून मेंशामिल किया जाना चाहिए जबकि 14.2 प्रतिशत ने कहा कि देश में हर स्तर पर लोकायुक्त की नियुक्ति होनी चाहिए।
जनप्रतिनिधियों से जब यह पूछा गया कि आपकी राय में क्या सभी राजनीतिक दलों और चुनावी उम्मीदवारों को मिलने वाले चंदे को पारदर्शी बनाने के लिए इसकी ऑडिट करायी जानी चाहिए तो इसके जबाब में 86.6 प्रतिशत लोगों ने कहा हां यह कराया जाना चाहिए जबकि 13.3 प्रतिशत लोगों ने इस राय से अपनीसहमति नहीं जाहिर की।
जनप्रतिनिधियों से जब यह पूछा गया कि आपको चुनाव या अन्य मौकों पर जिस व्यक्ति या संस्थाओं ने चंदा या अन्य सहायता दी, मं़त्री सांसद व विधायकबनने पर क्या आपने कभी उनकी तरफ से सही-गलत काम करने का कभी दबाव महसूस किया तो इसके जबाब में 36 प्रतिशत ने कहा हां ऐसा हुआ जबकि 64प्रतिशत ने ऐसे किसी दबाब पड़ने से इनकार किया। जनप्रतिनिधियों से यह पूछा गया कि यदि कोई जनता आपके पास भ्रष्टाचार की शिकायत लेकर आती तोउसमें आपकी सक्रियता किस रूप में ज्यादा दिखती है। इस प्रश्न पर सबसे ज्यादा 50 प्रतिशत जनप्रतिनिधियों ने कहा कि वे इस मामले को संसद औरविधानभवन में उठाते हैं। इसके बाद 17.8 प्रतिशत ने कहा कि वह फील्ड में जाकर जनता को भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी से निजात दिलाते हैं, 17.7 प्रतिशतजनप्रतिनिधियों ने कहा कि वह इस मामले में जांच एजेंसियों को सूचना देते हैं जबकि 14.2 प्रतिशत जनप्रतिनिधियों ने कहा कि वह इस मामले में संबंधितअधिकारी को फ टकार लगाते हैं। जनप्रतिनिधियों से जब यह पूछा गया कि आप किन वजहों से भ्रष्टाचार को देश की सबसे बडी समस्या मानते हैं तो इसके जबाबमें 38.2 प्रतिशत लोगों ने कहा कि क्योंकि यह विकास विरोधी है, 17.6 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इसमे मजबूत और मजबुत कमजोर और कमजोर होते हैं। इसकेबाद 14.7 प्रतिशत ने कहा कि यह समाज मेें वैमनस्य पैदा करता है। इसके बाद 14.6 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इससे उत्पादकता का हळास होता है और अंत में14.5 प्रतिशत लोगों ने माना कि इससे लोकतांत्रिक भावना कमजोर पड जाती है। जनप्रतिनिधियों से यह पूछा गया कि क्या आप भारत की विद्यमान प्रशानिकसंरचना जिसमे हर जिले में कलक्टर ही सर्वेसर्वा होता है, व ह प्रणाली जो कि ब्रिटिश शासन काल से चली आ रही है, क्या उसमे बदलाव लाने के पक्ष मे हैं तो इस परसर्वाधिक 70 प्रतिशत जनप्रतिनिधियों ने इसके पक्ष में सहमति जाहिर की और सिर्फ 30 प्रतिशत ने इस राय से अपनी असहमति जाहिर की।
जनप्रतिनिधियों से यह पूछा गया कि इस व्यवस्था में यदि बदलाव लाना चाहते हैं तो आपकी नजर में इसकी सबसे बेहतर वैकल्पिक व्यवस्था क्या है। इस प्रश्र केजबाब में 72.7 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इसके लिए जनप्रतिनिधियों को प्रशासनिक मामलों में सीधे हिस्सेदारी दी जाए। 13.6 प्रतिशत लोगों ने कहा कि पंचायतीशासन प्रणाली को और मजबूत बनाया जाए, 9 प्रतिशत ने कहा कि तकनीकी अधिकारियों को ज्यादा प्रशासनिक अधिकार दिया जाए जबकि 4 प्रतिशत ने कहा किकोई और वैकल्पिक व्यवस्था लायी जाए।
जनप्रतिनिधियों से यह पूछा गया कि ऐसा कहा जाता है कि जनप्रतिनिधियों दवारा पेट्रोलपंप, गैस ,फ र्टिलाइजर एजेंसी के आबंटन व अन्य सिफारिशों के जरियेभ्रष्टाचार व पक्षपात को बढ़ावा दिया जाता है तो क्या आप इसे समाप्त किये जाने के पक्षधर हैं? इस प्रश्र पर 73.3 प्रतिशत ने कहा कि हां ऐसा किया जा सकता हैजबकि 26.6 प्रतिशत ने इससे अपनी अहमति जाहिर की।
जनप्रतिनिधियों से जब यह कहा गया कि क्या इससे आप सहमत हैें अलग से सांसद विकास निधि या विधायक निधि का प्रावधान क्या एक तरह से उनके कमाने-खाने का एक प्रावधान नहीं बन गया है, तो 52.3 प्रतिशत ने इसके जबाब में इस बात पर हां कहा जबकि 47.7 प्रतिशत लोगों ने इस मत को अस्वीकारकिया। जनप्रतिनिधियों से यह पूछा गया कि क्या आप चाहते हैं कि उपरोक्त कार्यक्रम के बदले सभी क्षेत्रीय विकास कार्यक्रमो के क्रियान्वन में आपलोगों को सीधी भागीदारी, अधिकार व जिम्मेदारी दी जाए तो इसके जबाब में 70.5 प्रतिशत लोगों ने इस बात से अपनी सहमति जाहिर की जबकि 29.4 प्रतिशतलोगों की राय इससे भिन्न थी। जनप्रतिनिधियों से यह पूछा गया कि क्या आप मानते है कि अधिकारियों की प्रोन्नति या स्थानान्तरण का काम उनके काम यायोग्यता के आधार पर नहीं, राजनीतिज्ञ व बड़े अधिकारियों की व्यक्तिगत पसंद नापसंद के आधार पर किया जाता है तो इसके जबाब में 52.9 प्रतिशत ने स्वीकार किया और जबाब में हां कही जबकि 47.1 प्रतिशत ने इस पर नहीं कहा ।
जनप्रतिनिधियों से जब यह पूछा गया कि चुनाव के वक्त आपके क्षेत्र में लोग आपके किस काम को सबसे ज्यादा महत्व देते हैं तो इसके जबाब में सर्वाधिक 27प्रतिशत ने इसमें आपकी अपनी छवि और इमानदारी को इसका मुख्य कारक बताया जबकि 24.3 प्रतिशत ने उनके द्वारा किये गए सार्वजनिक विकास कार्य को, 16.22 प्रतिशत ने लोगों की व्यक्तिगत सिफ रिशों की सुनवाई को, 16.2 प्रतिशत ने भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी मुहिम को तथा 16.1 प्रतिशत ने राजनीतिक दलकी लहर को मुख्य कारक माना। अंत में सर्वेक्षण के दौरान इनसे यह पूछा गया कि भ्रष्टाचार-निरोधक कानून के तहत क्या आप जन-प्रतिनिधियों को जनसेवकमाने जाने से सहमत हैं तो इसके जबाब में 62.5 प्रतिशत ने हां और 37.5 प्रतिशत ने इस पर नहीं कहा।
भ्रष्टाचार सर्वेक्षण प्रश्नावली / एमपी एमएलए व अन्य जनप्रतिनिधि
1 आपकी नजर में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार कहां पर है।
क प्रशासन और ब्यूरोक्रेसी ------------------------45.2 प्रतिशत
ख राजनीति-----------------------------------26.1 प्रतिशत
ग व्यवसायी-----------------------------------16.6 प्रतिशत
घ पेशेवर-------------------------------------11.9 प्रतिशत
2 क्या आप मानते हैं कि देश भर में राजनीतिज्ञों अफ सरों उद्यो्रगपतियों और अपराधियों के बीच आपस में एक ऐसा रिश्ता बना है जिसके तहत दोनो एकदूसरे के लिए हित साधने का काम करते हैं और जनता इसमें ठगी जाती है।
क हां---------------------------------------69 प्रतिशत
ख नहीं--------------------------------------31 प्रतिशत
3 आपकी राय में भ्रष्टाचार उन्मूलन की शुरूआत कहां से होनी चाहिए
क राजनीति और चुनाव सुधार के जरिये-------------------40 प्रतिशत
ख भ्रष्टाचार विरोधी जांच एजेंसियों को ज्यादा स्वायत्त बनाकर--22.8 प्रतिशत
ग भ्रष्टाचार को टाडा-पोटा जैसे कानून में शामिल कर---16.6 प्रतिशत
घ हर स्तरों पर लोकायुक्त की नियुक्ति कर--14.2 प्रतिशत
4 आपकी राय में क्या सभी राजनीतिक दलों और चुनावी उम्मीदवारों को मिलने वाले चंदे को पारदर्शी यानि इसकी ऑडिट करायी जानी चाहिए।
हां ---------------------------------------86.6 प्रतिशत
नहीं --------------------------------------13.3 प्रतिशत
5 आपको चुनाव या अन्य मौकों पर जिस व्यक्ति या संस्था ने चंदा या अन्य सहायता दी हो आपके मं़त्री या सांसद व विधायक बनने पर उसके सही-गलत कामकरने का कभी दबाव महसूस किया।
हां --------------------------------------36 प्रतिशत
नहीं -------------------------------------64 प्रतिशत
6 यदि कोई जनता आपके पास भ्रष्टाचार की शिकायत लेकर आती तो उसमें आपकी अपनी सक्रियता किस रूप में सबसे ज्यादा दिखती है
क संसद और विधानभवन में मामले को उठाकर---------------------50 प्रतिशत
ख फील्ड में जाकर जनता को भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी से निजात दिलाकर---17.8 प्रतिशत
ग जांच एजेंसियों को सूचना देकर------------------------------17.7 प्रतिशत
घ संबंधित अधिकारी को फ टकार लगाकर-----------------------14.2 प्रतिशत
7 आप भ्रष्टाचार को देश की सबसे बडी समस्या किन वजहों से सबसे ज्यादा मानते हैं।
क क्योंकि यह विकास विरोधी है-------------------------38.2 प्रतिशत
ख क्योंकि इसमे मजबूत और मजबुत कमजोर और कमजोर होते हैं --17.6 प्रतिशत
ग क्योंकि यह समाज मेें वैमनस्य पैदा करता है---------------14.7 प्रतिशत
घ क्योंकि इससे उत्पादकता का हळास होता है---------------14.6 प्रतिशत
च इससे लोकतांत्रिक भावना कमजोर पड जाती है-------------14.5 प्रतिशत
8 आप भारत की विद्यमान प्रशानिक संरचना जिसमे हर जिले में कलक्टर सर्वेसर्वा होता है जो कि ब्रिटिश शासन काल से चली आ रही है, उसमे बदलाव लाने केपक्ष मे हैं।
क हां------------------------------------------70 प्रतिशत
ख नहीं-----------------------------------------30 प्रतिशत
9 यदि इसमे बदलाव लाना चाहते हैं तो आपकी नजर में इसकी सबसे बेहतर वैकल्पिक व्यवस्था क्या
क जनप्रतिनिधियों को प्रशासनिक मामलों में सीधे हिस्सेदारी देकर---72.7 प्रतिशत
ख पंचायती शासन प्रणाली को और मजबूत बनाकर----------- 13.6 प्रतिश
ग तकनीकी अधिकारियों को ज्यादा प्रशासनिक अधिकार देकर----9 प्रतिशत
घ कोई और वैकल्पिक व्यवस्था बनाकर---------------------4 प्रतिशत
10 ऐसा कहा जाता है कि जनप्रतिनिधियों दवारा पेट्रोलपंप, गैस ,फ र्टिलाइजर एजेंसी व अन्य सिफ ारिशों के जरिये भ्रष्टाचार व पक्षपात को बढ़ावा दिया जाता है।क्या आप इसे समाप्त किये जाने के पक्षधर हैं।
हां ----------------------------------------------73.3 प्रतिशत
नही---------------------------------------------26.6 प्रतिशत
11 ऐसा कहा जाता है कि अलग से सांसद क्ष़ेत्र विकास निधि या विधायक निधि का प्रावधान एक तरह से उनके कमाने-खाने का प्रावधान बन गया है। क्या इससेआप सहमत हैें?
क हां ------------------------------------------52.3 प्रतिशत
ख नहीं-----------------------------------------47.7 प्रतिशत
12 क्या आप मानते कि उपरोक्त कार्यक्रम के बदले विभिन्न क्षेत्रीय विकास कार्यक्रमो की ज्यादा सफलता के लिए उसमें आप लोगों की सीधी भागीदारी, अधिकार व जिम्मेदारी दी जाए।
क हां ------------------------------------------70.5 प्रतिशत
ख नहीं-----------------------------------------29.4 प्रतिशत
13 क्या आप मानते है कि अधिकारियों की प्रोन्नति या स्थानान्तरण उनकी काम या योग्यता के आधार पर नहीं,बड़े अधिकारियों की व्यक्तिगत पसंदनापसंद के आधार पर होता है।
क हां -----------------------------------------52.9 प्रतिशत
ख नहीं----------------------------------------47.1 प्रतिशत
14 चुनाव के वक्त आपके क्षेत्र में लोग आपके किस काम को सबसे ज्यादा महत्व देते हैं।
क आपकी अपनी छवि और इमानदारी-------------------27 प्रतिशत
ख सार्वजनिक विकास कार्य -------------------------24.3 प्रतिशत
ग लोगों की व्यक्तिगत सिफ ारिशों की सुनवाई-------------16.22 प्रतिशत
घ आपकी भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम-------------------16.2 प्रतिशत
च राजनीतिक दल की लहर-------------------------16.1 प्रतिशत
15 भ्रष्टाचार-निरोधक कानून के तहत क्या आप जन-प्रतिनिधियों को जनसेवक माने जाने से सहमत हैं।
क हां -----------------------------------------62.5 प्रतिशत
ख नहीं----------------------------------------37.5 प्रतिशत
सरकारी कर्मचारी/अधिकारी भ्रष्टाचार को नहीं बेरोजगारी आतंकवाद को बड़ी समस्या मानते हैं
वरिष्ठ पत्रकार मनोहर मनोज द्वारा लिखित पुस्तक ए क्रूसेड अगेंस्ट करप्शन ऑन दी न्यूट्रल पाथ के सर्वेक्षण अध्याय के मुताबिक सरकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार से कम बेरोजगारी आतंकवाद से ज्यादा आहत दीखते है। भ्रष्टाचार पर किये गए सर्वेक्षण अध्याय में तीसरे सर्वेक्षु संवर्ग सरकारी कर्मचारी के सर्वेक्षण से ये बात सामने आयी है। सरकारी कर्मचारियों से भ्रष्टाचार पर किये गए सर्वेक्षण में पहला सवाल यह पूछा गया कि आपकीनजर में दिए गए विकल्पों में देश की सबसे बड़ी समस्या कौन है तो इसके जबाब में सबसे ज्यादा 33 प्रतिशत सरकारी कर्मचारियों ने बेरोजगारी को सबसे बड़ीसमस्या माना। इसके बाद 21 प्रतिशत ने गरीबी को, 20 प्रतिशत ने आतंकवाद को, इसके बाद 18 प्रतिशत ने भ्रष्टाचार को और 8 प्रतिशत ने निरक्षरता को बड़ीसमस्या माना ।
सरकारी सेवकों से अगला सवाल यह पूछा गया कि क्या आप मानते हैं कि देश और समाज की सारी समस्याओं की वजह भ्रष्टाचार है तो इसके जबाब में 66 प्रतिशत ने हां तथा 34 प्रतिशत ने नहीं में उत्तर दिया।
इनसे अगला सवाल यह पूछा गया कि आपकी नजर में भ्रष्टाचार की मुख्य वजह क्या है तो सर्वाधिक 35 प्रतिशत ने न्यायालयों में भ्रष्टाचार की सुनवाई औरफैसलों में होने वाली देरी को, इसके बाद 25 प्रतिशत ने जनता में शिक्षा-जागरूकता के अभाव को, इतने ने ही भ्रष्टाचारियों को मिलने वाले राजनीतिक संरक्षणको, इसके बाद 8 फीसदी ने समाज में बढ़ती भौतिकवादी संस्कति को, 5 फीसदी ने राजनीतिक इच्छा-शक्ति के अभाव को तथा महज 2 फीसदी ने भ्रष्टाचार विरोधीकड़े कानून के अभाव को इसका जिम्मेदार माना।
इनसे अगला प्रश्र यह पूछा गया कि क्या आप मानते हैं कि प्रशासनिक अधिकारी-कर्मचारी नियम-कानून की आड़ मेें अनपढ़ जनता का शोषण करते हैं तो इसकेजबाब में 60 प्रतिशत ने इस बात से अपनी सहमति व्यक्त की जबकि 40 प्रतिशत ने असहमति।
सरकारी सेवकों से जब यह पूछा गया कि आपकी नजर में ईमानदार और बेईमान कर्मचारियों में से किसका प्रतिशत ज्यादा है तो इनमे से ज्यादातर 60 प्रतिशत नेईमानदार कर्मचारियों के प्रतिशत अनुपात को ही ज्यादा बताया जबकि सिर्फ 23 प्रतिशत ने कहा कि नहीं बेइमान कर्मचारियों का अनुपात ज्यादा है। जबकि 17 फीसदी लोगों ने कहा कि इसका सही अनुपात का अनुमान लगा पाना कठिन है।
सरकारी कर्मचारियों से जब यह पूछा गया कि क्या आप मानते हैं कि सरकारी कर्मचारियों में व्याप्त घूसखोरी के लिए उनको मिलने वाली कम वेतन व सुविधाएं भीजिम्मेदार हैैं तो इसके जबाब में केवल 36 प्रतिशत ने माना कि हां इस वजह से है जबकि शेष 64 प्रतिशत लोग इस बात से सहमत नहीं थे।
सरकारी कर्मचारियों ये जब यह पूछा गया कि क्या आप मानते हैं कि पढ़ाई और नौकरी पाने में जो खर्च पड़ता है उस वजह से भी वे लोग नौकरी में आने पर लोगघूस लेते हैं तो इसके जबाब में 34 प्रतिशत ने इस बात से सहमति जाहिर की जबकि 66 प्रतिशत इससे सहमत नहीं थे। कर्मचारियों से जब यह पूछा गया कि क्याआप मानते हैं कि भ्रष्टाचार की शुरूआत उपर से होती है और यदि उपर से भ्रष्टाचार से बंद हो जाए तो नीचे भी भ्रष्टाचार बंद हो जाएगा तो इसके जबाब में केवल 37प्रतिशत ने हां कही जबकि 63 प्रतिशत ने इसे नहीं स्वीकार किया।
जनसेवकों से जब यह पूछा गया कि क्या आप मानते हैं कि जनता भी अपना काम या तो गलत तरीके से या फि र जल्दी कराना चाहती है इसलिए वह घूस देती हैतो इस सवाल पर 65 प्रतिशत सर्वेक्षु सरकारी कर्मचारियों ने कहा कि हां वह जल्दी काम करानेे के लिए घूस देती है, 17 प्रतिशत ने कहा कि वह गलत काम केलिए घूस देती है जबकि 23 प्रतिशत ने कहा कि जनता दोनो के लिए घूस देती है। सर्वेक्षू सरकारी सेवकों से जब यह पूछा गया कि क्या आप मानते हैं कि जनता कोअपने वाजिब काम के लिए भी घूस देना पड़ता है तो 65 प्रतिशत ने कहा कि हां यह सही है जबकि 35 प्रतिशत ने कहा, नहीं ऐसा नहीं है। जनसेवकों से यह पूछा गयाकि क्या आपको खुद कभी अपना काम कराने के लिए किसी दफतर में घूस देना पडा है तो हैरतअंगेज बात ये थी कि 59 प्रतिशत सरकारी कर्मचारियों ने कहां हां ,उन्हें भी घूस देना पड़ा जबकि 41 प्रतिशत सर्वेक्षुओं को इस तरह के अनुभव से नहीं गुजरना पड़ा।
जनसेवकों से जब यह पूछा गया कि क्या आप मानते हैं सूचना-प्रौद्योगिकी के ज्यादा से ज्यादा उपयोग और सूचना का अधिकार आ जाने से भ्रष्टाचार पर अंकुशलगा है तो इसके जबाब में 90 प्रतिशत ने माना हां ऐसा हुआ है जबकि सिर्फ 10 प्रतिशत ने कहा ऐसा नहीं है। सर्वेक्षू जनसेवकों से जब यह प्रश्र पूछा गया कि क्याआप चाहते हैं कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए बड़े अधिकारियों की विवेकाधीन शक्तियों पर अंकुश लगाई जाए तो 40 प्रतिशत ने इस प्रश्न पर हां और 60प्रतिशत ने इस पर नही कहा।
जब इनसे यह पूछा गया कि क्या आप मानते हैं कि सरकारी सेवाओं में निजी क्षेत्र की तरह सेवा शर्तें अपनाये जाने से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा तो 67 प्रतिशत नेइसके जबाब में हां और 33 प्रतिशत ने इस पर नहीं कहा।
जब इनसे यह पूछा गया कि आपकी नजर में एक सरकारी कर्मचारी मे कौन कौन से गुण होने चाहिए तो आम जनता के प्रति संवेदनशील होने के पक्ष में सबसेज्यादा 20 प्रतिशत ने तथा इतने ने ही ईमानदार व नाजायज कमाइ से दूर रहने के गुण को माना। जबकि 21 प्रतिशत ने अनुशासन को, 5 प्रतिशत ने कानूनपरस्ती व देशभक्ति को तथा 34 प्रतिशत ने उपरोक्त सभी गुणों के एकसाथ पक्ष में अपनी सहमति जाहिर की। सर्वेक्षू जनसेवकों से जब यह पूछा गया कि यदिआपको महसूस हो कि कोई जनता ईमानदार और जरूरतमंद है पर नियम-कानून की वजह से उसकी सहायता नहीं हो पा रही है तो उस स्थिति में क्या आप उसकीसहायता करेंगे तो इसके जबाब में 55 प्रतिशत ने कहा, हां करेंगे जबकि 28 प्रतिशत ने इससे इनकार किया। जब जनसेवकों से यह पूछा गया कि क्या आपको ऐसाकभी अनुभव हुआ है तो 17 प्रतिशत ने कहा हां, ऐसा उन्होने किया है जबकिं 83 प्रतिशत ने कहा नहीं ।
सर्वेक्षू जनसेवकों से अंत में यह पूछा गया कि आपकी नजर में भ्रष्टाचार दूर करने के लिए क्या क्या किया जाना चाहिए तो सर्वाधिक 40 प्रतिशत ने कहा किप्रशासनिक अधिकारों का विकेन्द्रीकरण हो, इसके बाद 19 प्रतिशत ने कहा कि इमानदार कर्मचारियों को ज्यादा से ज्यादा पुरष्कार दिये जाए, 18 प्रतिशत ने कहाकि कर्मचारियों को जनोन्मुखी कार्य करने का प्रशिक्षण दिया जाए, 13 प्रतिशत ने कहा कि उत्पादकता और कार्यक्षमता का लक्ष्य-निर्धारण हो तथा 10 प्रतिशत नेकहा कि इनमें से सभी को लागू किया जाए।
भ्रष्टाचार सर्वेक्षण प्रश्नावली /सरकारी कर्मचारी/अधिकारी
1 आपकी नजर में इनमे से देश की सबसे बड़ी समस्या कौन है?
क बेरोजगारी ---33 प्रतिशत
ख गरीबी ---21
ग आतंकवाद---20
घ भ्रष्टाचार---18
च निरक्षरता---8
2 क्या आप मानते हैं कि देश और समाज की बाकी सारी समस्याओं क ी वजूद भ्रष्टाचार की वजह से है।
हां ---66 प्रतिशत
नहीं----34
3 आपकी नजर में भ्रष्टाचार की मुख्य वजह क्या है?
क न्यायालय में भ्रष्टाचार की सुनवाइ और फैसलों में देरी --35 प्रतिशत
ख जनता में शिक्षा-जागरूकता का अभाव --25
ग भ्रष्टाचारियों को राजनीतिक संरक्षण---25
घ समाज में बढ़ती भौतिकवादी संस्कति--8
च राजनीतिक इच्छा-शक्ति का अभाव---5
छ भ्रष्टाचार विरोधी कड़े कानून का अभाव---2
4 क्या आप मानते हैं कि प्रशासनिक अधिकारी-कर्मचारी नियम-कानून की आड़ मेें अनपढ़ जनता का शोषण करते हैं।
हां---60 प्रतिशत
नहीं---40
5 आपकी नजर में ईमानदार और बेईमान कर्मचारियों का किसका प्रतिशत ज्यादा है।
क ईमानदार--60 प्रतिशत
ख बेइमान--23
ग मालूम नहीं--17
6 क्या आप मानते हैं कि सरकारी कर्मचारियों में घूसखोरी के लिए कम वेतन व सुविधाएं भी जिम्मेदार हैैं।
हां ---36 प्रतिशत
नहीें----64 प्रतिशत
7 क्या आप मानते हैं कि पढ़ाई और नौकरी पाने में जो खर्च पड़ता है उस वजह से भी नौकरी में आने पर लोग घूस लेते हैं।
क हां ---34 प्रतिशत
ख नहीं---66 प्रतिशत
8 क्या आप मानते हैं कि भ्रष्टाचार की शुरूआत उपर से होती है?अगर उपर से भ्रष्टाचार से बंद हो जाए तो नीचे भी भ्रष्टाचार बंद हो जाएगा।
हां--37 प्रतिशत नहीं---63 प्रतिशत
9 क्या आप मानते हैं कि जनता भी अपना काम या तो गलत तरीके से या फि र जल्दी कराना चाहती है इसलिए वह घूस देती है।
गलत काम केलिए---17 प्रतिशत
जल्दीेकेलिए---65 प्रतिशत
दोनो के लिए---23 प्रतिशत
10 क्या आप मानते हैं कि अपने वाजिब काम के लिए भी जनता को घूस देना पडता है।
हां--65 प्रतिशत
नहीं--35 प्रतिशत
11 क्या आपको खुद कभी अपना काम कराने के लिए किसी दफतर में घ्ूास देना पडा है।
हां --59 प्रतिशत
नहीं---41 प्रतिशत
12 क्या आप मानते हैं सूचना-प्रौद्योगिकी के ज्यादा से ज्यादा उपयोग होने और सूचना का अधिकार आ जाने से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
क हां ---90 प्रतिशत
ख नहीं ---10 प्रतिशत
13 क्या आप चाहते हैं कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए बड़े अधिकारियों की विवेकाधीन शक्तियों पर अंकुश लगाई जाए
हां ---40 प्रतिशत
नहीं---60 प्रतिशत
14 क्या आप मानते हैं कि सरकारी सेवाओं में निजी क्ष़़ेत्रा की तरह सेवा शर्तें अपनाये जाने से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा
हां--67 प्रतिशत
नहीं---33 प्रतिशत
15 आपकी नजर में एक सरकारी कर्मचारी मे कौन कौन से गुण होने चाहिए।
क आम जनता के प्रति संवेदनशील--20 प्रतिशत
ख इमानदार व नाजायज कमाइ से दूर--20 प्रतिशत
ग कानून परस्त व देशभक्त--5 प्रतिशत
घ अनुशासन---21 प्रतिशत
ट इनमे से सभी--34 प्रतिशत
16 यदि आपको महसूस हो कि कोई जनता ईमानदार और जरूरतमंद है पर नियम-कानून की वजह से उसकी सहायता नहीं हो पा रही है तो उस स्थिति में आपउसकी सहायता करेंगे।
हां--55 प्रतिशत
नहीं--28 प्रतिशत
1 7 क्या आपको कभी ऐसा अनुभव हुआ है---
हां---17 प्रतिशत
नहीं---83 प्रतिशत
18 आपकी नजर में भ्रष्टाचार दूर करने के लिए क्या क्या किया जाना चाहिए ?
क प्रशासनिक अधिकारों का विकेन्द्रीकरण--40 प्रतिशत
ख उत्पादकता और कार्यक्षमता का लक्ष्य-निर्धारण ---13 प्रतिशत
ग कर्मचारियों को जनोन्मुखी कार्य करने का प्रशिक्षण--18 प्रतिशत
घ इमानदार कर्मचारियों को ज्यादा से ज्यादा पुरष्कार--19 प्रतिशत
ट इनमें से सभी--10 प्रतिशत
उद्योग जगत भी मानता है कि मिलावट सबसे बड़ी समस्या है।
वरिष्ठ पत्रकार मनोहर मनोज द्वारा लिखित पुस्तक ए क्रूसेड अगेंस्ट करप्शन ऑन दी न्यूट्रल पाथ के सर्वेक्षण अध्याय के अंतर्गत भ्रष्टाचार पर उद्योगजगत ने मिलावट को सबसे बड़ा आर्थिक अपराध माना। व्यसायियों के सर्वेक्षण के दौरान उनसे भी यही सवाल पूछा गया कि आपकी नजर में सबसे ज्यादा भ्रष्टकौन है तो इनमे से भी सर्वाधिक 15.5 प्रतिशत ने नेताओं को, 14.4 प्रतिशत ने पुलिस को, 13.9 प्रतिशत ने अफ सरों को, 13.9 प्रतिशत ने खुद उद्योगपति/ व्यवसायी को, 12.2 प्रतिशत ने वकीलों को, 11.2 प्रतिशत ने आयकर अधिकारियों को, 10.6 प्रतिशत ने सेल्स टैक्स आफिसरों को, 8.2 प्रतिशत ने बैंकरों को भ्रष्टमाना। सर्वेक्षण के दौरान जब इनसे यह प्रश्र पूछा गया कि आपकी नजर में उद्योग जगत में सबसे ज्यादा भ्रष्ट कौन है तो 25.7 प्रतिशत ने बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को, 24.7 प्रतिशत ने डिस्ट्रीब्यूटर व दूकानदारों को, 20.6 प्रतिशत ने फैक्टी वर्करों को तथा 13.4 प्रतिशत ने घरेलू मैन्युफैक्चररों को भ्रष्ट माना।
इस प्रश्र पर कि विभिन्न आर्थिक अपराधों में से आप किसे सबसे गंभीर अपराध मानते हैं तो सर्वाधिक 29.4 प्रतिशत ने मिलावट को, 17.6 प्रतिशत ने टैक्स चोरीको, 17.5 प्रतिशत ने कम माप-तौल को, 17.4 प्रतिशत डूप्लीकेट सामानों के निर्माण और उसकी बिक्री तथा 17.3 प्रतिशत व्यसायियों ने ज्यादा प्रोफि ट मार्जिनरखने को बड़ा आर्थिक अपराध माना।
सर्वेक्षू व्यवसायियों से जब यह पूछा गया कि क्या आप मानते हैं कि उपरोक्त सभी अपराधों के लिए देश में कड़े कानून और सक्षम मशीनरी का अभाव है तो इसकेजबाब में 90 प्रतिशत ने हां और 9.9 प्रतिशत ने नही कहा।
जब इनसे यह पूछा गया कि आपने अपने व्यावसायिक जीवन में कभी कोई काम कराने के लिये घूस /नाजायज पैसा दिया है तो इसके जबाब में 70 प्रतिशत ने कहाकि कि हां, उन्हें ऐसा करना पड़ा जबकि 30 प्रतिशत ने कहा उन्हें अबतक ऐसा नहीं करना पड़ा।
जब उनसे यह पूछा गया कि आपने किस विभाग को सबसे ज्यादा नाजायज पैसा या घूस दिया तो 19.4 प्रतिशत ने कहा पुुलिस को, 15.1 प्रतिशत ने माप.-तौलइन्सपेक्टर को, 15.1 प्रतिशत ने सेल्स/एक्साइज विभाग को, 14.9 प्रतिशत ने लेबर इंसपेक्टर को, 13.6 प्रतिशत ने बैंक कर्मचारी को और 10.7 प्रतिशत नेनगरपालिका कर्मचारी को रिश्वत देने की बात स्वीकारी।
सर्वेक्षण के दौरान जब यह पूछा गया कि क्या आपको कभी कंपनी रजिस्टेशन कराने मे घूस देना पड़ा तो 21.8 प्रतिशत ने कहा हां ,ऐसा करना पड़ा जबकि 78.9 प्रतिशत को ऐसा नहीं करना पड़ा।
जब व्यवसायियों से सर्वेक्षण के दौरान यह प्रश्र किया गया कि क्या कभी आपको बैंक से कर्ज लेने में नाजायज / घूस देना पड़ा तो 25 प्रतिशत ने कहा हां देना पड़ा तथा 75 प्रतिशत ने कहा नहीं देना पड़ा।
सर्वेक्षण के दौरान जब व्यवसायियों से यह प्रश्र पूछा गया कि क्या आप मानते हैं कि व्यवसायी व उद्योगपतियों में मुनाफखोरी की प्रवृति बहुत ज्यादा बढ़ गई है तोइस पर 76.6 प्रतिशत ने हां तथा 23.3 प्रतिशत ने इसपर नहीं कहा। जब इनसे यह पूछा गया कि क्या आपने कभी आय/निगम कर की अदायगी की है तो इस पर37.5 प्रतिशत ने हां कहा जबकि 62.5 प्रतिशत ने कहा नहीं उन्होंने इसकी अदायगी नहीं की है।
जब इनसे यह पूछा गया कि आपकी नजर में देश में बाजार अर्थव्यवस्था अपनाये जाने के बाद से भ्रष्टाचार में कमी हुई है तो इस प्रश्र के उत्तर में 53.3 प्रतिशत नेकहा, हां इसमे कमी आई है जबकि 46.6 प्रतिशत ने कहा, इसमे कमी नहीं आई है।
सर्वेक्षण में व्यवसायियों से जब यह पूछा गया कि क्या आप मानते हैं कि देश में नयी आर्थिक नीति के आगमन के बाद भ्रष्टाचार में बढ़ोतरी हुई है तो 73.3 प्रतिशतने कहा कि हां इसमे बढ़ोत् तरी हुई है जबकि 26.6 प्रतिशत ने कहा कि इसमे कमी आई है।
व्यवसायियों से यह पूछा गया कि पिछले एक दशक में क्या आप मानते हैं कि शेयर व पूंजी बाजार में भ्रष्टाचार में काफी बढोतरी हुई है तो हां के पक्ष में 78.1 प्रतिशत लोगों ने तथा नहीं-के पक्ष में 21.9 प्रतिशत सर्वेक्षुओं ने अपना मत दिया।
उद्योगपतियो से जब यह पूछा गया कि उद्योग जगत में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिये आपके सबसे बेहतर सुझाव क्या हैं तो सर्वाधिक 21 प्रतिशत ने कहा किकारपोरेट नैतिकता को मुश्तैदी से बहाल किया जाए, इसके बाद 20.1 प्रतिशत ने कहा कि कर-प्रणाली को तर्कसंगत बनाया जाए, 19.3 प्रतिशत ने कहा किअर्थव्यवस्था में इंसपेक्टर राज की पूरी समाप्ति हो, 19.2 प्रतिशत ने कहा कि उद्योग जगत में कम्पीटिशन को ज्यदा बढ़ावा दिया जाए तथा 19.1 प्रतिशत नेउपभोक्ता अधिकारों को व्यापक बनाये जाने की बात कही।
भ्रष्टाचार सर्वेक्षण प्रश्नावली /उद्योगपति व्यवसायी व दुकानदार
1 आपकी नजर में सबसे ज्यादा भ्रष्ट कौन है?
क नेता---15.5 प्रतिशत
ख पुलिस-14.4
ग अफ सर---13.9 प्रतिशत
घ उद्योगपति/ व्यवसायी---13.9
च वकील---12.2
छ आयकर अधिकारी--11.2 प्रतिशत
ज सेल्स टैक्स आफि सर--10.6 प्रतिशत
झ बैंकर--8.2 प्रतिशत
2 आपकी नजर में उद्योग जगत में सबसे ज्यादा भ्रष्ट कौन है
क बहुराष्ट्रीय कम्पनी -25.7 प्रतिशत
ख डिस्टीब्यूटर व दूकानदार ---24.7 प्रतिशत
ग फैक्टी वर्कर --20.6 प्रतिशत
घ घरेलू मैन्युफैक्चरर---13.4 प्रतिशत
3 निम्नलिखित आर्थिक अपराधों में से किसे सबसे गंभीर अपराध मानते हैं क मिलावट---29.4 प्रतिशत
ख टैक्स चोरी---17.6 प्रतिशत
ग कम माप-तौल---17.5 प्रतिशत
घ डूप्लीकेट सामानों का निर्माण और उसकी बिक्री--17.4 प्रतिशत
च ज्यादा प्रोफि ट मार्जिन रखना---17.3 प्रतिशत
4 क्या आप मानते हैं कि उपरोक्त सभी अपराधों के लिए देश में कड़े कानून और सक्षम मशीनरी का अभाव है।
हां--90 प्रतिशत
नहीं--9.9 प्रतिशत
5 आपने अपने व्यावसायिक जीवन में कभी कोई काम कराने के लिये घूस /नाजायज पैसा दिया है।
क हां---70 प्रतिशत
ख नहीं---30 प्रतिशत
6 आपने किस विभाग को सबसे ज्यादा नाजायज पैसा या घूस दिया
क पुुलिस---19.4 प्रतिशत
ख माप.-तौल इन्सपेक्टर---15.1 प्रतिशत
ग सेल्स/एक्साइज विभाग---15.1 प्रतिशत
घ लेबर इंसपेक्टर---14.9 प्रतिशत
च बैंक कर्मचारी--13.6 प्रतिशत
छ नगरपालिका कर्मचारी---10.7 प्रतिशत
7 क्या आपको कभी कंपनी रजिस्टेशन कराने मे घूस देना पड़ा
क हां--21.8 प्रतिशत
ख नहीं---78.9 प्रति
8 क्या कभी आपको बैंक से कर्ज लेने में नाजायज / घूस देना पडा हां---25 प्रतिशत
नहीं---75 प्रतिशत
9 क्या आप मानते हैं कि व्यवसायी व उद्योगपतियों में मुनाफ ाखोरी की प्रवृति बहुत ज्यादा बढ़ गई है।
हां ---76.6 प्रतिशत
नहीं---23.3 प्रतिशत
10 क्या आपने कभी आय/निगम कर की अदायगी की है
क हां----37.5 प्रतिशत
ख नहीं--62.5 प्रतिशत
11 आपकी नजर में देश में बाजार अर्थव्यवस्था अपनाये जाने के बाद से भ्रष्टाचार में बढ़ोतरी/कमी हुई है।
क हां----53.3 प्रतिशत
ख नहीं--46.6 प्रतिशत
12 क्या आप मानते हैं कि देश में नयी आर्थिक नीति के आगमन के बाद भ्रष्टाचार में बढ़ोतरी हुई है ।
क हां----73.3 प्रतिशत
ख नहीं--26.6 प्रतिशत
13 पिछले एक दशक में क्या आप मानते हैं कि शेयर व पूंजी बाजार में भ्रष्टाचार में काफ ी बढोतरी हुई है।
क हां----78.1 प्रतिशत
ख नहीं----21.9 प्रतिशत
14 उद्योग जगत में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिये आपके सबसे बेहतर सुझाव क्या हैं?
क कारपोरेट नैतिकता को मुश्तैदी से बहाल किया जाए--21 प्रति
ख कर-प्रणाली को तर्कसंगत बनाया जाए--20.1 प्रतिशत अर्थव्यवस्था ग इंसपेक्टर राज की पूरी समाप्ति --19.3 प्रतिशत
घ उद्योग जगत में कम्पीटिशन को ज्यदा बढ़ावा दिया जाना--19.2 प्र
च उपभोक्ता अधिकारों को व्यापक बनाया जाए--19.1 प्रतिशत
स्वयंसेवी समूह भ्रष्टाचार को ही देश की सबसे मुख्य समस्या मानते है
वरिष्ठ पत्रकार मनोहर मनोज द्वारा लिखित पुस्तक ए क्रूसेड अगेंस्ट करप्शन ऑन दी न्यूट्रल पाथ के सर्वेक्षण अध्याय के अंतर्गत सर्वेक्षण का पांचवांसंवर्ग स्वयंसेवी समूहों का था जिसमे गैर सरकारी संगठन, मीडियाकर्मी तथा वकीलों को शामिल किया गया था। इनसे पहला सवाल यह पूछा गया कि आपकीनजर में देश की सबसे बड़ी समस्या क्या है तो सर्वाधिक 27 प्रतिशत ने भ्रष्टाचार को, 23.2 प्रतिशत ने बेरोजगारी को, 19.5 प्रतिशत ने आतंकवाद को, 18.5 प्रतिशत ने गरीबी को तथा 11.5 प्रतिशत ने महंगाई को सबसे बड़ी समस्या माना।
जब इनसे यह सवाल पूछा गया कि क्या आप मानते हैं कि उपरोक्त समस्यायों की असली वजह गाहे-वगाहे भ्रष्टाचार हीं है तो इसके जबाब में सर्वाधिक 70.8 प्रतिशत ने हां में अपनी सहमति जताई जबकि 29.2 प्रतिशत ने इस पर अपनी असहमति जताई। इनसे जब यह पूछा गया कि क्या आप मानते हैं कि भ्रष्टाचार कोलेकर देश में व्यापक जन-जागरूकता का अभाव है तो 66.3 प्रतिशत ने हां जबकि 33.6 प्रतिशत ने इस पर ना कहा।
जब इस श्रेणी के सर्वेक्षुओं से यह सवाल किया गया कि क्या आप मानते हैं कि देश के प्रबुद्ध वर्ग के अधिकतर लोग भ्रष्टाचार के सवाल पर हिपोक्रेट यानी कथनीकुछ करनी कुछ और प्रवृति वाले हैं तो इस पर 77.7 प्रतिशत लोगो ने अपनी रजामंदी जाहिर की जबकि सिर्फ 22.2 प्रतिशत ने इस पर अपनी असहमति जाहिर की।
जब इनसे यह सवाल पूछा गया कि आपकी नजर में भ्रष्टाचार के लिए सबसे ज्यादा कौन उत्तरदायी है तो उन्हें दिए गए विकल्पों में 46.8 प्रतिशत ने विधायिका यानि सांसद-विधायकों को, 33.4 प्रतिशत ने कार्यपालिका यानि मंत्री-अफ सरों को तथा 19.7 प्रतिशत ने न्यायपालिका यानि जज-वकील को उत्तरदायी बताया।
कौन पेशेवर सबसे ज्यादा भ्रष्ट है तो इस प्रश्र के उत्तर में इस संवर्ग के सर्वाधिक 14.8 प्रतिशत ने नेता/मंत्री को, इसके बाद दूसरे नंबर पर 8.3 प्रतिशत ने नौकरशाहएवं आईएएस को, तीसरे नम्बर पर 8 प्रतिशत न्यायाधीशों को, चौथे नंबर पर 7.6 प्रतिशत ठेकेदारों को, पांचवे नम्बर पर 7.1 प्रतिशत पुलिस को, छठे नम्बर पर 6.8 प्रतिशत इंजीनियरों को, सातवे नम्बर पर 6.4 प्रतिशत डाक्टरों को, आठवे नंबर पर 6.4 प्रतिशत कलर्क को, नवें नम्बर पर 6.4 प्रतिशत वकील को, दसवें नम्बर पर 5.1 प्रतिशत पत्रकारों को, ग्यारहवे नंबर पर 4.6 प्रतिशत शेयर-दलालों को, बारहवे नंबर 4.6 प्रतिशत उद्योगपति/बिजनेसमैन को, तेरहवे नम्बर पर 4.5 प्रतिशत कारीगरों को, चौदहवे नम्बर पर 4.3 प्रतिशत अध्यापकों को तथा पन्द्रहवे नंबर पर 4.3 प्रतिशत कलाकारों को भ्रष्ट मानता है।
जब इनसे यह पूछा गया कि आपकी नजर में दिये गए विकल्पों में कौन सा तत्व भ्रष्टाचार के लिए मुख्य रूप से उत्तरदायी है तो इस पर 24.6 प्रतिशत ने कहा किसामाजिक राष्ट्रीय जीवन में धनबल का बढ़ता प्रभूत्व, 23.7 प्रतिशत ने कहा कि निजी सम्पत्ति की महत्तवाकांक्षा, 19.9 प्रतिशत ने कहा कि भ्रष्टाचार-उन्मूलन कीराष्ट्रीय इच्क्षाशक्ति का अभाव,17 प्रतिशत ने कहा कि आम जनता मे जागरूकता का अभाव तथा 14.6 प्रतिशत ने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर राष्टीय नेतृत्व कालचर रवैया भ्रष्टाचार के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है।
जब इन इस वर्ग के सर्वेक्षुओं से यह पूछा गया कि भ्रष्टाचार को लेकर कोर्ट की अवमानना का कानून क्या आप निरस्त करने के पक्ष में हैं। इसके जबाब में 50.2 प्रतिशत लोगों ने इस पर अपनी रजामंदी जाहिर की जबकि 49.7 प्रतिशत ने इस पर अपनी अहमति जाहिर की। जब उनसे यह पूछा गया कि क्या आप भ्रष्टाचार-उन्मूलन को लेकर पूरे देश में एक वार्षिक लक्ष्य निर्घारित करने के पक्ष में हैं तो इसके जबाब में 72.4 प्रतिशत ने हां कही जबकि 27.5 प्रतिशत इसके पक्ष में नहींथा।
जब इन सर्वेक्षुओं से यह पूछा गया कि क्या आप भ्रष्टाचार मुक्त सरकारी सुविधा पाने को देश की हर जनता के लिये मौलिक अधिकारों की सूची में शामिल कियेजाने के पक्ष में हैं। इस प्रश्र के उत्तर में 75.3 प्रतिशत ने इस पर अपनी सहमति जाहिर की जबकि 24.6 प्रतिशत इससे अहमत दिखे।
जब इनसे यह पूछा गया कि आपकी नजर में भ्रष्टाचार की रोकथाम का सर्वाधिक बेहतर उपाय क्या है तो दिये गए विकल्पों में सर्वाधिक 27.3 प्रतिशत ने भ्रष्टाचारके विरूद्ध और कडे कानून बनाये जाने के पक्ष में, 20.4 प्रतिशत ने जनता की शिक्षा-जागरूकता में वृद्धि किये जाने को, 18.3 प्रतिशत ने सूचना के अधिकार को पूरीतरह से बहाल किये जाने को, 17.4 प्रतिशत ने भ्रष्टाचारियों के सामाजिक बहिष्कार को, तथा 16.5 प्रतिशत ने भ्रष्टाचार के मुकदमे की सुनवाई में तेजी लाने के पक्षमें अपनी राय रखी।
जब इनसे यह पूछा गया कि भ्रष्टाचार के विरूद्ध यदि आप को स्वयं किसी तरह की पहल करनी पड़े तो वह दिये गए इन विकल्पों में क्या होगा, इसके प्रत्युत्तर मेंसर्वाधिक 38.7 प्रतिशत ने पहले स्वयं चरित्रवान बनने के हक में, इसके बाद 19.6 प्रतिशत ने जनता को जागरूक करने में, 15.3 प्रतिशत भ्रष्टाचार-विरोधीनागरिेक समिति के गठन करने में, 13.8 प्रतिशत ने भ्रष्ठाचार कहीं पर घटटे देख उसके संबंधित अधिकारी से शिकायत करने के पक्ष में तथा 12.3 प्रतिशत भ्रष्टाचारकी सूचना तुरत इसकी निगरानी व जांच-एजेंसियों को देने के पक्ष में अपनी सहमति दर्शायी।
जब इनसे यह पूछा गया कि क्या आप चाहते हैं कि विकास की हर स्कीम को बनाते समय उसमें होने वाले संभावित भ्रष्टाचार की रोकथाम और भ्रष्ट अधिकारियों केलिये कठोर दंड का प्रावधान उसी स्कीम में सम्मिलित किया जाना चाहिए, तो इसके जबाब में 76.8 प्रतिशत ने इस सुझाव के पक्ष में अपनी सहमति जताई जबकि23.2 प्रतिशत इस सुझाव से अहमत थे।
भ्रष्टाचार सर्वेक्षण /एनजीओ/मीडिया/सामाजिक कार्यकर्ता/वकील/अध्यापक
1 आपकी नजर में देश की सबसे बड़ी समस्या क्या है?
क भ्रष्टाचार ---27 प्रतिशत
ख बेरोजगारी---23.2 प्रतिशत
ग आतंकवाद----19.5 प्रतिशत
घ गरीबी ---18.5 प्रतिशत
च महंगाई ---11.5 प्रतिशत
2 क्या आप मानते हैं कि उपरोक्त समस्यायों की असली वजह गाहे-वगाहे भ्रष्टाचार हीं है ।
क हां ----70.8 प्रतिशत
ख नहीं----29.2 प्रतिशत
3 क्या आप मानते हैं कि भ्रष्टाचार को लेकर देश में व्यापक जन-जागरूकता का अभाव है ।
क हां ----66.3 प्रतिशत
ख नहीं----33.6 प्रतिशत
4 क्या आप मानते हैं कि देश के प्रबुद्ध वर्ग के अधिकतर लोग भ्रष्टाचार के सवाल पर हिपोक्रेट यानी कथनी कुछ करनी कुछ और प्रवृति वाले हैं। क हां ----77.7 प्रतिशत
ख नहीं----22.2 प्रतिशत
5 आपकी नजर में भ्रष्टाचार के लिए निम्नलिखित में कौन ज्यादा उत्तरदायी है।
क विधायिका यानि सांसद-विधायक---4श्च6.8 प्रतिशत
ख कार्यपालिका यानि मंत्री-अफ सर--33.4 प्रतिशत
घ न्यायपालिका यानि जज-वकील---19.7 प्रतिशत
6 निम्नलिखित पेशेवरों में से आपकी नजर में सबसे ज्यादा भ्रष्ट कौन है?
क नेता/मंत्री--14.8 प्रतिशत
ख नौकरशाह एवं आईएएस--8.3 प्रतिशत
ग जज---8 प्रतिशत
घ ठेकेदार--7.6 प्रतिशत
च पुलिस--7.1 प्रतिशत
छ इंजीनियर---6.8 प्रतिशत
ज डाक्टर--6.4 प्रतिशत
झ कलर्क -6.4 प्रतिशत
ट वकील --6.4 प्रतिशत
ठ पत्रकार--5.1 प्रतिशत
ड शेयर-दलाल --4.6 प्रतिशत
ढ़ उद्योगपति/बिजनेसमैन--4.6 प्रतिशत
त कारीगर--4.5 प्रतिशत
थ अध्यापक --4.3 प्रतिशत
द कलाकार--4.3 प्रतिशत
7 आपकी नजर में निम्नलिखित में कौन सा तत्व भ्रष्टाचार के लिए मुख्य रूप से उत्तरदायी है।
क सामाजिक राष्टीय जीवन में धनबल का बढता प्रभूत्व-24.6 प्रति
ख निजी सम्पत्ति की महत्तवाकांक्षा-23.7 प्रतिशत
ग भ्रष्टाचार-उन्मूलन की राष्ट्रीय इच्क्षाशक्ति का अभाव--19.9 प्रतिशत
घ आम जनता मे जागरूकता का अभाव---17 प्रतिशत
च भ्रष्टाचार को लेकर राष्टीय नेतृत्व का लचर रवैया--14.6 प्रतिशत
8 क्या भ्रष्टाचार को लेकर कोर्ट की अवमानना का कानून आप निरस्त करने के पक्ष में है।
क हां--50.2 प्रतिशत
ख नहीं--49.7 प्रतिशत
9 क्या आप भ्रष्टाचार-उन्मूलन को लेकर पूरे देश में एक वार्षिक लक्ष्य निर्घारित करने के पक्ष में हैं ।
क हां--72.4 प्रतिशत
ख नहीं--27.5 प्रतिशत
10 क्या आप देश की हर जनता के लिये भ्रष्टाचार मुक्त सरकारी सुविधा पाने को मौलिक अधिकारों में शामिल किये जाने के पक्ष में हैं।
क हां--75.3 प्रतिशत
ख नहीं--24.6 प्रतिशत
11 आपकी नजर में भ्रष्टाचार की रोकथाम का सर्वाधिक बेहतर उपाय क्या है?
क भ्रष्टाचार के विरूद्ध और कडे कानून -27.3 प्रतिशत
ख जनता की शिक्षा-जागरूकता में वृद्धि--20.4 प्रतिशत
ग सूचना के अधिकार को पूरी तरह से बहाल करना--18.3 प्रतिशत
घ भ्रष्टाचारियों का सामाजिक बहिष्कार--17.4 प्रतिशत
च भ्रष्टाचार के मुकदमे की सुनवाई में तेजी--16.5 प्रतिशत
12 आप भ्रष्टाचार के विरूद्ध आप को स्वयं किसी तरह की पहल करनी पड़े तो उसके लिए सबसे बड़ी पहल आपकी क्या होगी?
क पहले स्वयं चरित्रवान बनने का प्रयास करना--38.7 प्रतिशत
ख जनता को जागरूक करना--19.6 प्रतिशत
ग भ्रष्टाचार-विरोधी नागरिेक समिति का गठन करना--15.3 प्रतिशत
घ भ्रष्ठाचार कहीं पर घटटे देख उसके संबंधित अधिकारी से शिकायत करना---13.8 प्रतिशत
च भ्रष्टाचार की सूचना तुरत इसकी निगरानी व जांच-एजेंसियों को देना --12.3 प्रतिशत
13 क्या आप चाहते हैं कि विकास की हर स्कीम को बनाते समय उसमें होने वाले संभावित भ्रष्टाचार की रोकथाम और भ्रष्ट अधिकारियों के लिये कठोर दंड काप्रावधान उस स्कीम में सम्मिलित किया जाना चाहिए।
क हां---76.8 प्रतिशत
ख नहीं--23.2 प्रतिशत
No comments:
Post a Comment