Saturday, July 25, 2015

नरेंद्र मोदी आज मुजफ्फरपुर बिहार की NDA रैली में कुछ ज्यादा ही आक्रामक दिखे। यूँ तो मोदी चुनावी रैलियों के लिए अपनी आक्रामकता के लिए विख्यात है। पर आज की रैली में उनका आख्यान इस बात को प्रदर्शित कर रहा था की उनपर कही न कही दिल्ली विधानसभा में हुई पिछले हार का दबाव था जो उनसे चुनाव के तीन महीने पहले ही उनसे चुनाव में आक्रामकता को अपने फिफ्थ गिअर में चलवा रहा था./ मोदी पहले बॉल से चौके छक्के जड़ते आये। कही उन्हें ऐसा तो नहीं लगा की जितने रन बना लो पता नहीं कब आउट हो जांयें। कही बिहार में यह उनके राजनितिक आत्मविश्रास में कमी का द्योतक तो नहीं था ? वैसे भी पी एम मोदी का यह दौरा बिहार प्रदेश का दौरा भी था जहा उन्होंने कई योजनाओं की शुरुआत भी की , परन्तु शिलान्यास समारोह से लेकर NDA की रैली तक हर जगह प्रधानमंत्री पद की शालीनता के बजाये मोदी में उनका चुनावी तेवर ही दिखाई दिया।
वैसे राजनीती के मैदान में हर योद्धा अपने अपने दाव और पैतरे लेकर उतरता है। मसलन नितीश कुमार हर व्यक्ति के बैंक अकॉउंट में काले धन का पैसा 15 लाख जमा हो जाने के लोकसभा चुनाव में मोदी के दिए आशवासन पर उन्हें लगातार घेरते रहे है। क्योकि नितीश को भी मालूम है की ये ऐसा मुद्दा है जिसे कोई भी किसी सूरत में पूरा नहीं कर सकता। ऐसा बोलने वाला चुनाव में यह सोचकर बोलता है की बोल लो क्योकि everything is fair इन लव , वॉर एंड इलेक्ट्रोरल पॉलिटिक्स। परन्तु मोदी ने नीतिश के इस उलाहना की आज अच्छी काट निकली और कहा की कुछ वर्ष पूर्व नितीश ने बिहार की जनता से वादा किया था की यदि वह चौबीसो घंटे बिजली नहीं दे पाये तो वह 2015 चुनाव में लोगों से वोट मांगने नहीं जायेंगे। मोदी ने आज नितीश का वह उद्बोधन ढूंढ निकाला।
मोदी को मालूम है की नीतीश एक अच्छे प्रशासक है पर उन्हें मेरा नेतृत्व मंज़ूर नहीं। अतः नितीश पर उन्होंने एक प्रतिद्वंदी के अंदाज़ पर हमला किया। बिहार के चुनाव से आज यह बात साबित हो गयी की यहाँ पहचान की राजनीती के अखाड़े में मज़हब से ज्यादा जाती का ही दावं चलता है इसीलिए मोदी ने राजनितिक रूप से निर्णायक जाती यदुवंश का भगवन कृष्ण के बहाने गुजरात कनेक्शन भी दिखा दिया।
बहरहाल आरजेडी का मतलब रोजाना जंगलराज दिखाओ बताकर मोदी ने बिहार के पिछले 15 साल के प्रशासनिक हकीकत से लोगों को जरूर रूबरू करा दिया जो आज भी कई लोगों के पुराने घाव पर मरहम की तरह लगा होगा। जो भी हो आज यह तय हो गया की बिहार का पोलिटिकल थिएटर अगले तीन महीने के लिए लोगों को अनुरंजित करने के लिए अनेक अनेक मसाले लेकर आएगा

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