Tuesday, December 10, 2013

chunav parinamo par meri ek nazar

पाच राज्यो के चुनाव परिणामो के बाद तमाम पब्लिक मंचो और मीडिया की तरफ से हो रहे विश्लेषण से यही आभासित होता है कि लोगो को दरअसल जो जीता वही सिकंदर और सफलता से बड़ा पैमाना नहीं को कोई और सैद्धांतिक परिकल्पना काट नहीं सकती 
परन्तु इन चुनावो से भारतीय लोकतंत्र ने जो सबसे बड़ा मील का हासिल किया वह है चुनाव में वोटकास्टिंग का बढ़ना / धन्य हो मीडिया कैंपेन का , कॉर्पोरेट समूहो की पहल का और समाज के सेलिब्रिटीज के पहल की जिसकी बदौलत लोग ने मतदान में ज्यादा उत्साह से भाग लिया
यह बात तो पहले से साफ था कि इस चुनाव में भारत के पुख्य् विपक्षी दल के प्रधानमंत्री के घोषित प्रत्याशी नरेंद्र मोदी और आप पार्टी के अरविन्द केज़रीवाल सभी लोगो का ध्यान आकर्षित कर चुके थे
बात करे तो चुनाव परिणामो की तो राजनीति के सिद्धांत, आदर्श , नैतिकता, व्यक्तितव और विनम्रता इन सभी कसौटियों पर मुझे जिस वयक्ति ने बहुत पहले से प्रभावित किया तो शिवराज चौहान ने/ मुझे लगता है कि वह वयक्ति निहायत विनम्र प्रोएक्टिव और अपने प्रदेश के गवर्नेंस और विकास पर सबसे ज्यादा फोकस रहे, इसका उन्हें रिजल्ट मिला जिसे उनके विरोधियो के विखराव कि स्थिति ने काम और आसान कर दिया
रमन सिंह ने यह मुकाबला बड़े कठिन संघर्ष कर जीता और यह साबित किया कि उनकी pds स्कीम कोई लोकलुभावन घोषणा नहीं बल्कि प्रदेश के आदिवासी गरीब के प्रति उनकी घोर संवेदनशीलता की प्रतीक थी / यही वजह है कि कांग्रेस की एक रुपये चावल देने कि चुनावी घोषणा भी उसे नहीं जितवा पायी/ शिवराज और रमन की जीत में उनके अपने वयक्तित्वओ का बड़ा योगदान है / यहाँ नरेंद्र मोदी का असर और परिणाम आंशक ही मान जा सकता है
राजस्थान में भाजपा को जित मिली वह अविष्वसनिय रही / राजस्थान के इतिहास में इतनी भरी जित आजतक किसी पार्टी को नहीं मिली / अशोक गेहलोत की कई बेहतर सामाजिक योजनाए भी उन्हें पहले से ही अलोकप्रिय बना चुकी थी/ परन्तु इतनी बड़ी जित में नरेंद्र मोदी कि लहर और असर निश्चित रूप से दिखी
अब अंत में दिल्ली में कांग्रेस के खिलाफ रोष का फायदा भाजपा को मिलता पर उसका बहुत बड़ा हिस्सा नवगठित पार्टी आप ने ले लिया / एक तो भाजपा में बेहतर नेतृतव की घोषणा में हुई देरी और उनके शाषित एमसीडी में चल रहे भ्रष्टाचार से आप को बेहतरीन मौका प्रदान कर दिया
पर सबसे महत्वपूर्ण आप की सफलता पर देश भर में हो रही चर्चा जो देश की राजनीती में एक नया ट्रेंड स्थापित करेगी / आप पार्टी ने जिस तरह से एक साल के अंदर पार्टी का संगठन खड़ा किया और चुनावी तैयारिया कर भ्रस्ताचार के खिलाफ जनता में माहौल पैदा किया वह कार्य असाधारण है /
पर वो लोग जो यह समझते है कि आप जैसे पार्टी का आगमन देश के भ्रस्टाचार मुक्त होने का प्रतिक है, वह मुगालते में है / पार्टी और व्यक्तियों के बदलने से वयस्था कभी नहीं बदली है / आप की तरह प्रायः सभी पार्टी और उसकी विचारधारा के प्रति समर्पित लोग शुरू में बड़े जज्बे, आदर्श के साथ काम शुरू करते और फिर ज्वाइन दी सिस्टम को फॉलो करने लगते है / आप के तरह उलटफेर पहले १९८२ में एन टी राम्रो ने आंध्र में किया , अगप ने १९८५ में असम कि सत्ता हासिल की पर यह सभी बाद में बेहद विफल हुए
आप पार्टी यदि चुनावी राजनीती के पहले घोर वैचारिक मंथन कर देश की तमाम वयस्था के विकल्प का ब्लूप्रिंट तैयार कर चुनावी राजनीती में आती तो देश में वयस्था परिवर्तन के महा कम को अंजाम देती / अपने विरोधियो को गाली कर राजनितिक रूप से वे सफल भले हो सकते है, आंदोलन कर अपनी नेतागिरी का कैरियर जरूर स्थापित कर सकते है / पर बिना वैचारिक और आदर्शवादी मंथन के आप देश कि वयस्था को कभी नहीं बदल सकते/ काजल कि कोठरी में रहकर को वयक्ति यह कहे कि हमें कालिख नहीं लग सकती और हैम नैतिक है बेकार कि बात है / हमें तो वयस्था ऐसी बनानी होगी जिसमे किसी वयक्ति को वेइमान, अनैतिक और लालची होने का अवसर ही नहीं प्राप्त होगा
बिना २ दर्जन बड़े राजनितिक, आर्थिक, प्रशाशनिक सुधारो और संविधान में आईडेन्टी पॉलिटिक्स और पोपुलिस्ट घोषणा को समाप्त किये हैम परिवर्तन की बुनियाद नहीं ढ़ाल सकते
आप पार्टी ने भी और राजनितिक दलों की तरह जमकर चंदे बटोरे, उन्हें नहीं मालूम कि चुनावी चंदे से ही तो राजनितिक भ्रष्टाचार को आगाज मिलता है / उन्होंने भी वोट के लिए कम्युनल अपीले की और खजाना खोलने वाले लोकलुभावन घोषणाएं की / पर यह भी सही है यदि वे यह सब नहीं करते तो उन्हें वैसी सफलताये नहीं मिलती और हैम सब उनकी चर्चा करने के लिए बाद्य नहीं होते /
पर यह जरूर है उन्होंने अन्य बड़ी पार्टियो की तुलना में ज्यादा बेहतरी दिखाए और सबसे बड़ी इन्होने समाज के वैसे लोगो को राजनीती में आने के सपने को साकार किया जिन्हे कांग्रेस और भाजपा जैसे पार्टियो के जरिये कभी अवसर नहीं मिल सकता था, इस तरह से इन्होने फि ल इन दी ब्लैंक्स पूरा किया है /
कुल मिलकर देश के लिए मेसेज यही है कि RTI नयी आर्थिक नीति और आईटी के डेवलपमेंट के बाद देश में बड़े राजनितिक और प्रशासनिक सुधारो को अंजाम दिया जाये और आईडेन्टी पॉलिटिक्स और लोकल्याण के बजाये लोकलुभावन घोषणाओ पर सदा के लिए अंकुश लगाया जाये और भ्रटाचार के लिए पैकेज ऑफ़ रिफार्म लाया जाये, माफ़ कीजिये लोकपाल से भ्रष्टाचार के रोकथाम की गारंटी नहीं होगी ठीक उसी तरह से जैसे rti से भ्रस्टाचार रोकथाम की गारंटी नहीं हो पायी /

--

Warm Regards,

Manohar Manoj
Editor
ECONOMY INDIA

President
INDIAN YOUNG JOURNALISTS ORGANISATION

No comments:

Post a Comment