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Thursday, August 16, 2018

अटल बिहारी बाजपेयी एक संपूर्ण राजनीतिक व्यक्तित्व तो नहीं, परन्तु अपनी जन्मजात वक्तृत्व प्रतिभा के बदौलत राजनीती के शीर्ष पर गए और वह भी इस कलियुगी दौर में  नैतिकता, भावुकता और आदर्शवादिता भरी राजनीती के बदौलत। निश्चित रूप से भारत में मूल्य आधारित राजनीती की अंतिम कड़ी। संसद में अपने गंभीर और बुलंद भाषणों, कांग्रेस की एकाधिकारी शासन व्यस्था के खिलाफ विपक्ष को खड़ा करने, अपनी सरकार में प्रतिभा और वरिष्ठता के हिसाब से सबको मौके देने तथा भारत व पाकिस्तान के बीच दोस्ती बढ़ाने को लेकर अपनी बेहद ईमानदार और बड़े दिल वाले पहल दिखाने के लिए उन्हें आज़ाद भारत के राजनीतिक इतिहास में  हमेशा याद रखा जायेगा।   

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