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Thursday, November 19, 2015

एक धड़ा कहता है की आतंकवाद इस्लाम के खिलाफ है। दूसरा कहता है की यह अल्लाह का हुक्म है। अरे भाई किसकी बात सही है। इसकी सही तस्दीक तभी होगी जब यह कहा जायेगा की आतंकवाद मानवता के खिलाफ है। कम से कम मानवता के मामले में धर्म की मार्केटिंग तो बंद कीजिये। माफ़ कीजिये धर्म की मार्केटिंग सिर्फ मुस्लिम और ईसाई नहीं कर रहे है बल्कि उन्ही के नक़ल में कह लें या उनही की शैली में कह ले , कुछ हिन्दू भी कर रहे है। इसीलिए केवल मानव और इंसानी धर्म की बात करो।

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